आज दिनांक 7 अप्रैल 2017 को दिल्ली के जंतर मंतर पर ,बंग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हिन्दू संघर्ष समिति ने जोरदार प्रदर्शन किया| हिन्दू संघर्ष समिति के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण उपाध्याय  ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शेख हसीना बंग्लादेशी अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न एवं पलायन  के लिए जिम्मेदार है.भारत के विभाजन के समय, तत्कालीन  पूर्वी पाकिस्तान और वर्तमान में बंग्लादेश में 39 प्रतिशत हिंदू थे, जो अब केवल 8 प्रतिशत रह गए हैं| उन्होंने कहा कि बंग्लादेश में लगातार हिन्दुओं की हत्या की जा रही है| हिन्दू ,सऊदी अरब के पैसो से बनने और चलने वाले मदरसों -मस्जिद और पाकिस्तानी ISI के षडयंत्र के शिकार बन रहे हैं|
उन पर हमला करने वालो के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं होती | यहाँ तक कि हिन्दू देवी देवताओ की प्रतिमाओं को तोड़ा – फोड़ा जा रहा है | 2016 की दिवाली पर कुछ इलाको में दीये की जगह हिन्दुओं के घर जलाये गए । दुर्गा पूजा से पहले प्रतिमाओं को खंडित कर दिया गया । शासन- प्रशासन  से इसकी शिकायत करने पर दिखावटी कार्यवाई हुई । बांग्लादेश में बेवजह के मुद्दे ढूंढकर हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। दरअसल इन हमलों के पीछे का सच यही है की बहाना बनाकर हिन्दुओं  पर हमला करो ताकि वे भागने पर मज़बूर हो जाये |अरुण उपाध्याय ने कहा कि  हिन्दू संघर्ष समिति इस मामले को आगे ले जाएगा और हम  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से  इस संबंध में हस्तक्षेप की मांग करेंगे.

इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अवधेश शर्मा ने कहा की ये एक सांकेतिक आंदोलन हैं अगर कार्यवाही नहीं हुई तो इस आंदोलन को व्यापक स्तर पर पूरे देश में किया जायेगा । उन्होंने कहा कि बंग्लादेशी  हिन्दुओं  की उत्पीड़न की बात समय -समय पर उठती रहती है और फिर दब जाती है । इसलिए हिन्दू संघर्ष समिति ने इस बार बीड़ा उठाया है कि इसे एक तार्किक परिणाम तक पहुंचा कर रहेंगे । बंग्लादेशी हिन्दुओं  की नज़र सिर्फ हिंदुस्तान पर टिकी है|  वे पलायन कर केवल भारत का ही रुख करते हैं । पिछली सरकार के समय तक लोग राजनीतिक कारण देख रहे थे| वर्तमान सरकार की तरफ आशा भरी नज़र से देख रहे है | भारत में भाजपा की सरकार बनने के बाद से उनमे नई उम्मीद जगी है|