नई दिल्लीः लोक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले महाराष्ट्र के आदीवासी और किसान दादर पहुंच गए हैं। मोर्चा कल कल्याण से शुरू हुआ था और यह मुंबई के आजाद मैदान की तरफ बढ़ रहा है। किसानों की मांग है कि उनका कर्ज माफ किया जाए, उन्हें सूखे का मुआवजा मिले और जंगलों की जमीन को आदिवासियों को हस्तांतरित की जाए। इसके अलावा भी उनकी राज्य सरकार से कई दूसरी मांगे हैं। किसानों ने इससे पहले भी अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।
किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने पिछले प्रदर्शन में किए वादे अभी तक पूरे नहीं किए हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानीं तो दो दिन तक चलने वाला ये प्रदर्शन लंबा चल सकता है। किसानों का यह मार्च आजाद मैदान तक जाएगा। जहां किसान सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेंगे। दो दिन की इस रैली का समापन 22 नवंबर को होगा।

मुख्य रूप से लोड शेडिंग की समस्या, वनाधिकार कानून लागू करने, सूखे से राहत, न्यूनतन समर्थन मूल्य, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने जैसी मांगों के साथ ये किसान सड़कों पर उतरे हैं। किसानों का कहना है कि पिछले प्रदर्शन को करीब 9 महीने हो गए हैं, जिनमें से किसानों को दिए गए कई आश्वासन अब तक पूरे नहीं हो सके हैं।

किसानों के इस आंदोलन में कई सामाजिक कार्यकर्ता और किसान आंदोलनों से जुड़े लोग शामिल हैं। संगठन की ओर से कहा गया है कि अगर महाराष्ट्र सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया जाता है तो आंदोलन की समय सीमा को और आगे बढ़ाया जा सकता है। महाराष्ट्र का बड़ा हिस्सा हर साल सूखे की चपेट में आता है साथ ही किसानों की आत्महत्या सरकार के लिए गंभीर चुनौती का विषय है।