‘म’ नाम की अदाकाराएं हैं सुभाष घई की पहली पसंद
नई दिल्ली,29 मई (हि.स)।बॉलीवुड के सफल निर्देशकों में शुमार सुभाष घई को अगले महीने कुआलंपुर में आईफा पुरस्कार समारोह में प्रतिष्ठित लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान से नवाजा जाएगा। भारतीय सिनेमा में उनके बेहतरीन योगदान और अपने मीडिया संस्थान व्हिसलिंग वुड्स के जरिए युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए सम्मानित किया जाएगा।भारतीय सिनेमा को ‘कालीचरण’,सौदागर ,हीरो और रामलखन जैसी फिल्म देने वाले घई का जन्म 24 जनवरी, 1945 को नागपुर में हुआ था। दिल्ली में पढ़ाई करने के बाद उन्होंने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से डिप्लोमा करके 1970 में फिल्म कैरियर में हाथ अजमाने के लिए मुंबई चले आए। सुभाष घई को ‘म’ अक्षर से बेहद करीबी संबंध है।उनकी फिल्मों में ‘म’ नाम की ही अभिनेत्रियां थी। जैसे जैसे ‘माधुरी दीक्षित’, ‘मीनाक्षी शेषाद्री’ , ‘मनीषा कोइराला बाद में उन्हेांने कुछ अभिनेत्रियों के नाम भी बदल डाले जैसे रितु से उन्हेांने महिमा चौधरी कर दिया। 2014 की फिल्म में इन्द्राणी मुखर्जी का नाम बदलकर ‘मिष्टी’ रखा। उनकी पत्नी का नाम मुक्ता है और बेटी का नाम मुग्धां मुंबई में उनका एक मीडिया संस्थान भी है। इस संस्थान ने बॉलीवुड को कई कलाकार दिए है।छह साल बाद निर्देशन कैरियर में वापसी करते हुए घई ने नए कलाकारों के साथ ‘कांची’ बनाई जिससे बॉक्स आॅफिस पर नकार दिया गया। यह फिल्म 2014 में रिलीज हुई थी। उसके बाद अभी तक उनकी कोई फिल्म नहीं आई लेकिन फिल्मी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घई बहुत जल्द एक ओर फिल्म के जरिए वापसी करने जा रहे हैं। कैरियर की शुरूआत उन्होंने फिल्मों में छोटे किरदार निभाकर की। वर्ष 1967 की ‘तकदीर’ और 1971 में प्रदर्शित ‘आराधना’ में उनहेंने छोटी भ्रूमिका निभार्इ् थी। छोटे किरदार के बाद उन्हें 70 के दशक में आई फिल्म ‘उमंग’ और ‘गुमराह में मुख्य भूमिका निभाई। शत्रुघ्न को लेकर घई ने ‘कालीचरण’ फिल्म बनाई । इसके बाद उन्हें दिलीप कुमार जैसे महान अभिनेता के साथ फिल्म बनाने का सौभाग्य मिला। दिलीप के साथ उन्होंने विधाता’, ‘कर्मा’ और ‘सौदागर बनाई।निर्देशन के साथ सुभाष ने बॉलीवुड को कई महत्वपूर्ण कलाकार भी दिए। वर्ष 1983 की मशहूर फिल्म ‘हीरो’ में सुभाष घई ने, जैकी श्रॉफ और मीनाक्षी शेषाद्री को ब्रेक दिया था, जो की बड़ी म्यूजिकल हिट बनी। बॉलीवुड की सुपरहिट जोड़ी जैकी—अनिल के साथ उन्हेांने तीन फिल्में की तीनों ही सुपरहिट साबित हुई। दो दशकों तक बॉलीवुड पर केवल घई की फिल्में का ही राज था। सुभाष घई अक्सर अपनी फिल्मों के गानो में एक शॉट में नजर जरूर आते थें।

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