नई दिल्ली,। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने आज राजधानी में देश के पहले अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय दक्षिण एशिया विश्वविद्यालय परिसर में निर्माण कार्यों का शुभारम्भ किया।राजधानी के मैदान गढ़ी इलाके में करीब 100 एकड़ भूमि पर विश्वविद्यालय का निर्माणकार्य होगा। निर्माण कार्य पर करीब 20 करोड़ डॉलर की लागत आएगी जो भारत सरकार वहां करेगी। वर्ष 2000 में शुरु हुया यह विश्वविद्यालय इस समय चाणक्यपुरी के अकबर भवन में चल रहा है। श्रीमती स्वराज ने इस अवसर पर कहाकि किसी व्यक्ति या संस्थान के लिए अपना आवास होना गर्व का विषय होता है। यह ख़ुशी की बात हैकि मैदान गढ़ी में शीघ्र ही विश्वविद्यालय का परिसर विकसित हो जाएगा। उन्होंने कहाकि इस विश्वविद्यालय से इस क्षेत्र के विभिन्न देशों के विद्यार्थियों में ‘ दक्षिण एशिया की चेतना’ का विकास होगा। यह इस बात की निशानंदेही करेगा कि दक्षिण एशिया सहयोग संगठन (सार्क) केवल घोषणाएं करने वाला मंच नहीं बल्कि अमल करने वाला संगठन है।विदेशमंत्री ने कहाकि प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी सार्क देशों के लगों के बीच हर क्षेत्र में संपर्क और मेलमिलाप बढ़ाना चाहते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में यह काम यह विश्वविद्यालय करेगा । उन्होंने कहाकि क्षेत्र के विभिन्न देशों को इस विश्वविद्यालय के कामकाज में भागीदार बनाया जाएगा। इस सिलसिले में बांग्लादेश के साथ एक करार हुया है तथा अन्य देशों के साथ भी ऐसी ही व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहाकि भारत अपने राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क को क्षेत्र के अन्य देशों तक फैलाना चाहता है जिससे विद्यार्थियों को डिजिटल पुस्तकालय तथा अन्य सदर्भ सामग्री उपलब्ध हो सकेगी।दक्षिण एशिया विश्वविद्यालय इस समय विकासपरक अर्थशास्त्र,कंप्यूटर साइंसेज,बायोटेक्नोलॉजी,गणित,समाजशास्त्र,अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध,और विधि विषयों में स्नातकोत्तर और पीएचडी पाठ्यक्रम चला रहा है।