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संस्कृत भाषा के विकास से ही भारत की सर्वांगीण उन्नति संभव — दिनेश कामत

संस्कृत भारती द्वारा मेनिट के राधा कृष्ण सभागार में संस्कृत सप्ताह महोत्सव का भव्य समापन
कार्यक्रम आयोजित किया गया | कार्यक्रम में मुख्य वक्ता संस्कृत भारती के अखिल भारतीय
संगठन मंत्री दिनेश कामत ने कहा की भारत की प्राचीन ज्ञान विज्ञान की परंपरा की संरक्षिका
एवं संवाहिका संस्कृत भाषा के विकास से ही राष्ट्र का सर्वान्मुख विकास संभव है | संस्कृत
भारती द्वारा संस्कृत भाषा के प्रचार हेतु दश दिवसीय संभाषण शिविर , भाषा बोधन वर्ग ,
शिक्षक प्रशिक्षक वर्ग इत्यादिविविध कार्यक्रम संपूर्ण देश भर एवं 18 देशों में आयोजित किये जा
रहे हैं |


इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जि ने कहा
की भारत सरकार देव वाणी संस्कृत के संवर्धन के लिए कृत संकल्पित है | उन्होंने कहा की
संस्कृत वैज्ञानिक भाषा है एवं इस भाषा को जन जन तक पहुचाने के लिए समाज के सभी वर्गों
एवं समुदायों को आगे आना होगा |
इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष महंत चन्द्रमा दास त्यागी ने कहा की भारतीय संस्कृति के
संरक्षण एवं विकास का माध्यम संस्कृत भाषा ही है | संस्कृत भाषा में लिखित विभिन्न शास्त्रों में
हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र से संबद्ध ज्ञान एवं विकास निहित है | वर्तमान में आवश्यकता है
संस्कृत शास्त्रों में व्यवहारिक शोध करने की | जिससे समाज संस्कृत की उपयोगिता से परिचित
होकर संस्कृत सीखे |
इस अवसर पर प्रचार प्रमुख डॉ मनीष जुगरान ने प्रस्तावित भाषण में कहा की संस्कृत भारती
भोपाल द्वारा अनेक संस्थानों के सहयोग से संस्कृत सप्ताह के अवसर पर विविध प्रतियोगिताएं
आयोजित की गई | इस अवसर पर विविध विद्यालयों के १०० छात्रों को संस्कृत विषय में
अधिक अंक प्राप्त करने हेतु पुरुस्कृत किया गया | इस अवसर पर ५०० से अधिक लोग
उपस्थित थे |

कार्यक्रम का संचालन डॉ कृष्ण कान्त तिवारी ने किया | इस अवसर पर संस्कृत भारती के क्षेत्र
संगठन मंत्री श्री प्रमोद पंडित , प्रांत संगठन मंत्री श्री नीरज दिक्षित , प्रांत उपाध्यक्ष डॉ अशोक
भदोरिया , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह संघचालक श्री अशोक पाण्डेय प्रांत प्रचार प्रमुख
डॉ मनीष जुगरान , श्री ओमप्रकाश शिवहरे ,श्री शिव नारायण द्विवेदी , पवन द्विवेदी आदि
उपस्थित थे

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