बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार :संशोधन: विधेयक 2017 ध्वनि मत से पारित
बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार :संशोधन: विधेयक 2017 ध्वनि मत से पारित

बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों ने आज प्रदेश में उद्योग को बढावा देने के उद्देश्य से बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार :संशोधन: विधेयक 2017 को विपक्ष के बहिर्गमन के बीच ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।

बिहार विधान सभा में आज उद्योग तथा विज्ञान एवं प्रौद्वोगिकी मंत्री जय कुमार सिंह ने बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार :संशोधन: विधेयक 2017 को पेश करते हुए दावा किया कि बिहार का सिंगल विंडो सिस्टम देश का सबसे सशक्त और बेहतरीन सिंगल विंडो सिस्टम है ।

सिंह ने कहा कि प्रदेश में नई औद्योगिक नीति लागू होने के साल भर के भीतर पांच हजार 20 करोड रूपये का एसआईपी उनका विभाग कर चुका है जो कि हमारे लिए सुखद संकेत है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहतर मानव संसाधन को देखते हुए बेरोजगारी दूर करना और अपने कच्चे माल पर आधारित उद्योग लगाना हमारी प्राथमिकता है।

सिंह ने कहा कि बडे़ उद्योग आने पर हम उसका स्वागत करेंगे पर हम लघु, मध्यम और सूक्ष्म सेक्टर को मजबूत कर रोजगार उत्पन्न करेंगे और राज्य को संपन्न बनाएंगे।

उन्होंने कहा कि जनरल इलेक्ट्रिकल्स (जीई) की एक बडी इकाई बिहार के मढ़ौरा में स्थापित है और हमारे यहां के 70 छात्र इस कंपनी के कर्मचारी हुए हैं तथा बिहार के करीब 800 इंजीनियर सीधे तौर पर उसके कर्मचारी होंगे।

सिंह ने बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार :संशोधन: विधेयक 2017 की चर्चा करते हुए बताया कि बियाडा एक्ट 1974 की धारा 6 में उपधारा 2-ग जोडी गई है जिसके तहत आवंटित भूमि पर आवंटन के तीन वर्ष के अंदर उद्योग स्थापित नहीं किया जाता है तो उस भूमि को वापस लेकर नये उद्योग के लिए आवंटित किया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि बियाडा एक्ट 1974 की धारा 6 में उपधारा 2-क जोडा गया है जिसके तहत कोई भी व्यक्ति जो रद्द भूखंड अथवा उसके किसी हिस्से पर कब्जा जारी रखता है उसे अतिक्रमण माना जाएगा और बिहार लोक भूमि अतिक्रमण अधिनियम 1956 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

( Source – PTI )

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *