सीबीआई ने नियमों का उल्लंघन कर निजी विज्ञापन एजेंसियों को विज्ञापन लगाने की अनुमति देने के आरोप में मद्रास कैंटोनमेंट बोर्ड के पूर्व मुख्य कार्याधिकारी :सीईओ: के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस फैसले से सरकारी खजाने को 1.5 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ था।
एजेंसी ने एस प्रभाकरण तथा 14 विज्ञापन कंपनियों के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी, आपराधिक कदाचार और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया है। प्रभाकरण अभी विशाखापत्तनम में डिफेंस एस्टेट अधिकारी हैं।
आरोप लगाया गया है कि जुलाई 2013 से जून 2015 के दौरान मद्रास कैंटोनमेंट बोर्ड के सीईओ पद पर काम करते हुए प्रभाकरण ने निजी विज्ञापन कंपनियों को उन क्षेत्रों में विज्ञापन :बिलबोर्ड: लगाने की अनुमति दी जहां होडिंग लगाना मना था।
सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि इस प्रक्रिया के लिए कोई निविदा नहीं आमंत्रित की गयी और निजी कंपनियों ने निर्धारित प्रारूप में आवेदन नहीं किया था। उन्होंने निर्धारित फीस भी नहीं जमा करायी थी।
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि प्रभाकरण ने ऐसे क्षेत्रों में भी होडिंग लगाए जाने की अनुमति दी जो उनके नियंत्रण में नहीं थे। इसके अलावा पुलिस से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लिए गए।
इसमें आरोप लगाया गया है कि पूर्व सीईओ ने 127 मंजूरी दी थी जिनमें 64 होर्डिंग लगा दिए गए। इनमें से 55 राज्य सरकार की भूमि पर थे जबकि शेष नौ कैंटोनमेंट बोर्ड की भूमि पर लगाए गए थे।
( Source – PTI )