
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर बोले गए हमले के संबंध में विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर आसन से व्यवस्था की मांग करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे समेत पार्टी के सभी सदस्य आसन के समक्ष धरने पर बैठ गए।
खड़गे, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रवनीत सिंह बिट्टू और रंजीत रंजन समेत पार्टी के सभी सदस्य आसन के निकट आकर धरने पर बैठ गए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया और खगड़े द्वारा विशेषाधिकार हनन के नोटिस के बारे में आसन से व्यवस्था की मांग करने पर आसन पर मौजूद सभापति आनंदराव अड़सुल ने कहा कि वह तो अस्थायी तौर पर आसन पर बैठे हैं और यह मामला स्पीकर के विचाराधीन हैं। वही कुछ फैसला दे सकती हैं।
सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा यह कहे जाने पर सदन में सूखे पर चर्चा होनी है तो खड़गे ने कहा कि सूखे पर चर्चा महत्वपूर्ण है और कांग्रेस सदन को बाधित नहीं करना चाहती। इसलिए हम शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठ रहे हैं। इसके बाद सभी सदस्य आसन के समक्ष आकर बैठ गए।
इससे पूर्व खड़गे ने कहा कि वह सुबह से यह मामला उठा रहे हैं और आसन ने समय नहीं दिया। हमारी पार्टी की अध्यक्ष का नाम सार्वजनिक रूप से लिया गया है। प्रधानमंत्री को सदन के बाहर ऐसा नहीं कहना चाहिए था। वह जो कहना चाहते हैं सदन में कहें।
नियम का हवाला देते हुए संसदीय मामलों के राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि अध्यक्ष तय करेंगी कि यह विशेषाधिकार हनन नोटिस है या नहीं।
कांग्रेस के वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देते हुए आरोप लगाया है कि अगस्तावेस्टलैंड मामले में पैसा लेने को लेकर संप्रग नेताओं के खिलाफ सदन के बाहर झूठ बोला गया है।
( Source – पीटीआई-भाषा )