
गोवा की सरकार ने चार दशक पुराने उत्पाद शुल्क कानून में बदलाव कर पारंपरिक शराब फेरी को विरासत की वस्तु का दर्जा देने की तैयारी में है।
गोवा के उत्पाद शुल्क आयुक्त, मेनिनो डीसूजा ने कहा, ‘‘राज्य सरकार गोवा उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1964 में संशोधन करेगी जिससे फेनी को देसी शराब के तमगे से बचाया जा सके और बजाय इसके इसे विरासत की चीज माना जाए।’’ यह संशोधन गोवा विधान सभा के अगामी मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है जो जुलाई में शुरू होना है।
इस पहल से देश भर में फेनी का बाजार खुलने की उम्मीद है।
फेनी उद्योग लंबे समय से देसी शराब का लेबल हटाने की मांग कर रहा है क्योंक इसे व्यापार नियमों के ‘विशिष्ट भौगोलिक पहचान’ मिल चुकी है।
गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने हाल ही में फेनी को विरासत की वस्तु का लेबल प्रदान करने की घोषणा की है।
( Source – पीटीआई-भाषा )