
राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने भाखड़ा नहर क्षेत्र के किसानों के पानी की कटौती नहीं करने की मांग की है। इससे श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले के किसानों को भारी हानि होगी।
डूडी ने कहा कि नहर में पानी घटाने से किसानों को इक्कीस दिन यानी तीसरी बारी तक इंतजार करना होगा जो कि फसल के लिए घातक है। इससे गेहूं की बिजाई पूरी तरह प्रभावित होगी।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फैसले से किसान पहले से ही परेशान हैं और उन्हें खाद व बीज भी बहुत मुश्किल से मिल रहा है। अब राज्य सरकार मनमाने फैसले लेकर किसानों को उनके हक के पानी से भी वंचित करने जा रही है, जिससे किसानों में भारी रोष है।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आगाह किया है कि यदि किसानों को विश्वास में लिये बिना भाखड़ा नहर में पानी की कटौती की गई तो वहां एक बड़ा किसान आंदोलन खड़ा हो सकता है। इसके लिए मुख्यमंत्री स्वयं जिम्मेदार होंगी। सरकार भाखड़ा नहर में आगामी 4 दिसंबर से पानी की कटौती कर इसे 800 क्यूसेक करने जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भाखड़ा-व्यास प्रबंधन बोर्ड में अपना प्रतिनिधि नियुक्त करने में विफल रही है। इससे पंजाब से इंदिरा गांधी नहर को पूरा पानी नहीं मिल पा रहा है। इसका असर भाखड़ा नहर पर भी पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भाखड़ा नहर क्षेत्र के किसानों के साथ जो समझौता किया था, उसके मुताबिक भाखड़ा नहर में 1200 क्यूसेक पानी देने का नियम पारित किया गया था। लेकिन सरकार इस वादे को पूरा नहीं कर रही है।
डूडी ने कहा कि राजे के पिछले कार्यकाल में भी रावला और घड़साना में बड़े किसान आंदोलन पानी के मुद्दे को लेकर हो चुके हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि उनकी सरकार पिछले आंदोलनों से सबक नहीं सीख रही है। यह मुद्दा अत्यंत संवेदनशील है और मुख्यमंत्री को इसे अधिकारियों के भरोसे नहीं छोड़कर स्वयं किसान प्रतिनिधियों से वार्ता कर इसका समाधान निकालना चाहिए।
( Source – PTI )