
उत्तर प्रदेश में दक्षिण-पश्चिमी मानसून के जल्द ही एक बार फिर रफ्तार पकड़ने के आसार हैं। हाल के दिनों में जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा होने और नेपाल के बांधों से पानी छोड़े जाने की वजह से घाघरा, शारदा और रोहिन समेत कई नदियां उफान पर हैं।
मौसम केन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के पूर्वी हिस्सों में मानसून की स्थिति सामान्य है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में कुछ स्थानों पर बारिश हुई अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़े। इस अवधि में शाहजहांपुर में सर्वाधिक सात सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गयी।
इसके अलावा शाहाबाद तथा रायबरेली में पांच-पांच, आजमगढ़, मुहम्मदी तथा शाहजहांपुर में चार-चार, हरदोई, सफीपुर, मुखलिसपुर, मउरानीपुर, मोठ तथा प्रतापगढ़ में तीन-तीन सेंटीमीटर बारिश रिकार्ड की गयी।
अगले 24 घंटे के दौरान राज्य में अनेक स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है। यह सिलसिला अगले 48 घंटे तक बने रहने की सम्भावना है।
इस बीच, सिद्धार्थनगर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पड़ोसी देश नेपाल के पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश से अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक घोघी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है जबकि बूढ़ी राप्ती का जलस्तर ककरही में और कूड़ा नदी का जलस्तर आलमनगर में खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। राप्ती और बाणगंगा नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।
केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा होने से घाघरा, शारदा, रोहिन, गंगा, यमुना, राप्ती, बूढ़ी राप्ती और गण्डक नदियां विभिन्न स्थानों पर उफनाई हैं।
घाघरा नदी एल्गिनब्रिज और अयोध्या में खतरे के निशान को पार कर गयी है। इसके अलावा शारदा नदी पलियाकलां में तथा रोहिन नदी त्रिमोहनीघाट में लाल चिह्न से ऊपर बह रही हैं।
गंगा नदी का जलस्तर नरोरा और फतेहगढ़ में खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। इसके अलावा यमुना नदी प्रयागघाट में, शारदा नदी शारदा नगर में, घाघरा नदी तुर्तीपार में, राप्ती नदी भिनगा और बलरामपुर में तथा गण्डक नदी खड्डा में लाल चिह्न के नजदीक बह रही है।
( Source – PTI )