इस प्राकृतिक खोज में चंडीगढ़ के पास मसोल क्षेत्र के 50 एकड़ में फैले भू-भाग में अनेक स्थानों से एकत्र किए गए 200 क्वार्टजाइट औजारों सहित लगभग 1500 जीवाश्म वस्तुएं शामिल हैं। इस पुरातात्विक खोज से संबंधित अनुसंधान कार्य पेलेवॉल समीक्षा में लेखों के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ओलांद ने इस खोज के लिए भारत-फ्रांस की टीम को उनके संयुक्त अनुसंधान कार्य के लिए बधाई दी। उन्होंने इस सफलता को अपनी साझा सांस्कृतिक विरासत की पुनर्खोज, संरक्षण और सवंर्द्धन में भारत और फ्रांस के दरम्यान दीर्घकालीन सांस्कृतिक संबंधों और स्थायी सहयोग के लिए सफल द्विपक्षीय सहयोग का जीता जागता उदाहरण बताया। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इस तरह की खोजों से भविष्य में संयुक्त प्रयासों को और अधिक गति मिलेगी।