
नोटबंदी को लेकर विपक्ष के निशाने पर आये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष जब सत्ता में था तब सत्ता उसके लिये उपभोग की वस्तु थी और अब उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि विपक्ष में कैसे रहना है । साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई में किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जायेगा।
प्रधानमंत्री ने यहां भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कहा, ‘‘जब वे : विपक्ष : सत्ता में थे तब वह :सत्ता: उनके लिये उपभोग का साधन थी । इसलिये विपक्ष में कैसे रहना है, उनको समझ में नहीं आ रहा है। ’’ जेटली ने प्रधानमंत्री के संबोधन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने विपक्ष द्वारा कई बार काफी कडवी भाषा का इस्तेमाल किये जाने पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने (मोदी ने) कहा, ‘‘ कई बार विपक्ष की ओर से काफी कड़वाहट वाली शब्दावली का इस्तेमाल किया जाता है, जब सरकार पर कोई स्पष्ट आरोप नहीं हो, तब सरकार के खिलाफ कड़वाहट वाली शब्दावली विकल्प नहीं हो सकता।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में कोई भी राजनीतिक दल भाजपा जितना सक्रिय नहीं है और भाजपा के लिये राजनीति चुनाव की पारंपरिक गतिविधियों से इतर सेवा का साधन है । इसलिये सत्ता के माध्यम से लोकतंत्र को जनभागीदारी में बदलने का काम राजनीतिक दलों का है और भाजपा ऐसा कर सकती है। चुनाव उसका एक अंग है और हमें चुनाव से आगे बढ़ते हुए जनभागीदारी के साथ लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में काम करना है।
जेटली के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई ऐसी है कि इसमें कोई समझौता नहीं किया जाएगा और इसमें कोई पकड़ा जायेगा, वह बचेगा नहीं। मेरा कोई रिश्तेदार नहीं है ।’’ एक सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि संप्रग ने न ही कालेधन और न ही भ्रष्टाचार के खिलाफ एक भी कदम उठाया है, ऐसे में स्पष्ट है कि उसके नेता इन बुराइयों के खिलाफ उठाये गये कदमों से असहज होंगे ।
प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान आतंकवाद के खिलाफ पहल का जिक्र किया और कहा कि 90 ऐसे कट्टर आतंकियों को दूसरे देशों से लाये जाने की पहल होगी । इस बारे में भारत को सहयोग प्राप्त हो रहा है।
जेटली ने कहा कि भ्रष्टाचार और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और स्वच्छता जैसे जनभागीदारी के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है और पार्टी इन सभी पहल को आगे बढ़ाये ।
आज राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में 13 मुख्यमंत्री, 6 उपमुख्यमंत्री, 60 से अधिक केंद्रीय मंत्री, 232 राज्य के मंत्री, 1500 विधायकों एवं पाषदों तथा 334 सांसदों ने हिस्सा लिया ।
( Source – PTI )