
पटेल आरक्षण आंदोलन की आग झेल रही गुजरात की भाजपा सरकार ने आज अगड़ी जातियों के आर्थिक रूप से पिछड़ों :ईबीसी: के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की। आर्थिक पिछड़ेपन की सीमा छह लाख रूपये वाषिर्क पारिवारिक आय से कम तय की गई है। हालांकि हार्दिक पटेल नीत संगठन ने इस घोषणा को खारिज किया।
यह फैसला ऐसे समय आया है जब भाजपा को नगर निकाय चुनावांे में नुकसान झेलना पड़ा था और इस राज्य में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। हालांकि यह फैसला उच्चतम न्यायालय द्वारा तय 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को तोड़ता है। राज्य सरकार ने पहले से अजा, अजजा और ओबीसी के लिए 80 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था कर रखी है।
विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि ईबीसी के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा ‘‘धोखा’’ है और यह पटेल समुदाय को शांत करने का प्रयास है।
प्रदेश भाजपा इकाई के कोर समूह की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला किया गया जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे। इसमें तय किया गया कि एक वर्ष में छह लाख रूपये तक की पारिवारिक आय वाले शिक्षा और नौकरियांे में आरक्षण का लाभ उठा सकते हैं।
अपनी शुरूआती प्रतिक्रिया में आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ने इस कदम को भाजपा और राज्य सरकार द्वारा उनके समुदाय को ‘‘गुमराह’’ करने के लिए एक और ‘‘लॉलीपॉप’’ बताकर खारिज कर दिया।
हालांकि आरक्षण के लिए आंदोलन करने वाले एक अन्य संगठन सरदार पटेल समूह :एसपीजी: ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया। लेकिन साथ ही उसने यह भी कहा कि इस योजना से पटेल समुदाय को कितनी और किस हद तक मदद मिलेगी, वे इसका आकलन करेंगे।
( Source – पीटीआई-भाषा )