
उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र से कहा कि वह किसानों की आत्महत्या के ‘गंभीर मुद्दे’ से निपटने के लिए राज्यों द्वारा उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों की जानकारी दे।
प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति एसके कौल की पीठ ने कहा, ‘‘यह बेहद गंभीर मुद्दा है और केंद्र को किसानों की आत्महत्या के संदर्भ में राज्यों द्वारा उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों की जानकारी शीर्ष न्यायालय के पंजीयक के पास चार सप्ताह के भीतर जमा करवानी चाहिए।’’ सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि सरकार को एक ऐसी नीति लेकर आना चाहिए, जो किसानों द्वारा उठाए जाने वाले इस बड़े कदम के पीछे के मूल कारण को हल करती हो।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हा ने कहा कि सरकार किसानों से सीधे अनाज खरीदने, बीमा कवर बढ़ाने, रिण देने और क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने जैसे सभी संभव कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आत्महत्या के मुद्दे से निपटने के लिए एक समग्र नीति लेकर आ रही है।
पीठ ने कहा, ‘‘कृषि राज्य का विषय है और केंद्र किसानों की आत्महत्या के मूल कारण से निपटने के लिए राज्यों के साथ समन्वय करेगा और इस संदर्भ में उठाए जाने वाले कदमों से जुड़ी योजना लेकर आएगा।’’
( Source – PTI )