देश की आबादी के 20 प्रतिशत से अधिक लोग कम से कम एक असंक्रामक बीमारी से पीड़ित हैं जिससे भारत को 2012-2030 की अवधि में 6,200 अरब डालर का नुकसान होने का अनुमान है। आज जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, असंक्रामक बीमारियां अथवा असाध्य बीमारियां जैसे कैंसर, हृदय से जुड़े रोग, सांस से जुड़ी बीमारी या मधुमेह से हर साल दुनिया भर में 3.8 करोड़ लोगों की मौत होती है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत काम करने वाली एजेंसी नेशनल हेल्थ सिस्टम्स रिसोर्स सेंटर :एनएचएसआरसी: के सहयोग से वैश्विक एनजीओ पार्टनरशिप टु फाइट क्रॉनिक डिसीज :पीएफसीडी: ने एक अध्ययन परिपत्र ‘विकास के एजेंडा में असंक्रामक बीमारियां’ तैयार किया है।
इस परिपत्र के माध्यम से सभी स्तर पर निर्णयकर्ताओं को असंक्रामक बीमारियों के बढ़ते बोझ की दिशा में जागरूक बनाने का प्रयास किया गया है।
पीएफसीडी द्वारा जारी एक बयान में एनएचएसआरसी के कार्यकारी निदेशक संजीव कुमार के हवाले से कहा गया है, ‘‘ भारत में 2014 में हुई अनुमानित 98.16 लाख मौतों में से असंक्रामक बीमारियों से 58.69 लाख मौतें हुईं।’’
( Source – पीटीआई-भाषा )
मैं बार बार दोहराता हूँ कि भारत एक बीमार और अशिक्षित देश है,पर मेरी आवाज को सुनने वाला कौन है?मैं यह भी जानता हूँ कि जब तक सरकारी स्कूल और सरकारी अस्पतालों द्वारा गुणवत्ता युक्त शिक्षा और उच्च कोटि की स्वास्थ्य सेवा नहीं उपलब्ध कराई जायेगी,तब तक इस स्थिति में सुधार असम्भव है. इसके अतिरिक्त अन्य बहुत बातें hain,जिनमे सुधार की आवश्यकता है,पर ये दो चीजें सबसे महत्त्व पूर्ण हैं.