प्रियोडिक टेबल ऑफ महाभारत इन क्यूआर कोड का दिया गया है नाम

भगवत कौशिक।चंडीगढ़ – सफलता संसाधनों का मोहताज नहीं होता। दृढ़ संकल्प और उच्च इच्छाशक्ति की बदौलत किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है। इसके साथ साथ यदि भगवान रूपी शिक्षक की छत्रछाया हो तो सफलता मिलना निश्चित है।जहां एक ओर सरकारी स्कूलों मे संसाधनों की कमी का राग अलपाया जाता है,वहीं कुछ स्कूल और शिक्षक ऐसे भी है जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर स्कूल को तो चमकाया ही है साथ मे अपने विद्यार्थियों मे भी कुछ नया करने का जज्बा पैदा किया है।

ऐसा ही एक स्कूल है गुडगांव जिले के बजघेडा का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जहां के मौलिक मुख्याध्यापक व राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार विजेता मनोज कुमार लाकडा जहां स्वयं आए दिन शिक्षा के क्षेत्र मे नए कीर्तिमान स्थापित करते जा रहे है,वही अब उनके मार्गदर्शन मे उनके विद्यार्थियों ने भी ऐसा काम कर दिखाया है जिसको करने का इरादा बडे बडे वैज्ञानिक भी नही कर पाए।राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बजघेडा की दो छात्राओं ने अपने शिक्षक मनोज कुमार लाकडा के सहयोग से अध्यात्म को टैकनोलॉजी से जोडने का अनूठा व अद्भुत कारनामा कर दिखाया है।

इन छात्राओं ने महाभारत के पात्रों व श्रीमद्भगवद् गीता को क्यूआर कोड मे परिवर्तित कर एक अनोखा प्रियोडिक टेबल ऑफ महाभारत इन क्यूआर कोड तैयार किया है । इस प्रियोडिक टेबल को सरकारी विद्यालय बजघेड़ा की कक्षा नौवीं की दो छात्राओं साक्षी व स्नेहा ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त मौलिक मुख्याध्यापक मनोज कुमार लाकड़ा के मार्गदर्शन में बनाया है । इस प्रियोडिक टेबल में महाभारत के विशिष्ट पात्रों को क्यूआर कोड में दर्शाया गया है । इसके साथ-साथ श्रीमद्भगवद् गीता के सभी अठारह अध्यायों की विडियो, गीता के 18 अध्यायों के पीडीएफ, गीता इन संस्कृत भाषा व गीता इन अंग्रेजी भाषा के भी क्यू कोड तैयार किए है । विद्यालय के मौलिक मुख्याध्यापक मनोज कुमार लाकड़ा के मार्गदर्शन में सरकारी विद्यालय बजघेड़ा की कक्षा नौवीं की दो छात्राओं साक्षी व स्नेहा ने कुरूक्षेत्र में चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से प्रेरणा लेकर महाभारत के विशिष्ट पात्रों व श्रीमद्भगवद् गीता को क्यूआर कोड देने की अनोखी पहल की है । कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी से अपने मोबाइल के क्यूआर कोड स्कैनर एप्प के माध्यम से इन कोड को स्कैन कर जानकारी प्राप्त कर सकता है । कोड स्कैन करते ही इन पात्रों की सारी जानकारी पीडीएफ रूप में मोबाइल में आ जाएगी । इसके साथ-साथ श्रीमद्भगवद् गीता के अठारह अध्याय की विडियो भी देखने व समझने को मिलेगी । महाभारत के विशिष्ट पात्रों जैसे भीष्म, पाण्डु, धृतराष्ट्र, कृष्ण, द्रोणाचार्य, कर्ण, अर्जुन, युधिष्ठिर, भीम, नकुल, सहदेव, कुंती, गांधारी, द्रोपदी, शल्य, अभिमन्यु, व अन्य महत्वपूर्ण पात्रों के क्यूआर कोड शामिल हैं ।

अध्यापक मनोज कुमार लाकड़ा ने बताया कि वह पिछले दो वर्षों से मोबाइल लर्निग व क्यूआर कोडस् पर कार्य कर रहे हैं, इससे पहले उनके छात्र हिमांशु व सोनु ने “प्रियोडिक टेबल ऑफ बुक्स इन क्यूआर कोडस्” बनाया था । पाठ्यक्रम की कक्षा पहली से दसवीं तक की सभी पुस्तकों (अंग्रेजी व हिंदी), तथा हिंदी व्याकरण पुस्तक को क्यू-आर कोड का 130 पुस्तकों का प्रियोडिक टेबल बनाया था । इसके बाद विद्यालय के हर पेड़-पौधों की विशिष्ट जानकारियाँ युक्त क्यू-आर कोड बनाकर हर पेड़-पौधौं पर लगाया गया था जिससे यह विद्यालय प्रदेश का पहला क्यूआर कोडिड पेड़-पौधौं वाला विद्यालय बना था । इसके बाद इन्हीं छात्रों ने क्यूआर कोडिड चार्टस् बनाए जिसे कई दूसरे सरकारी विद्यालयों की दीवारों व कक्षा कक्ष में मुफ्त में लगाया गया ।

क्या है क्यूआर कोड (QR)

क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांस के लिए संक्षिप्त) बारकोड हैं जिन्हें मोबाइल फोन (स्मार्टफोन) कैमरों द्वारा पढ़ा जा सकता है। एक QR कोड एक वेबपेज पेज के लिए अद्वितीय है।

  1. क्यूआर कोड को पोस्टर, पुस्तक, वेबसाइट, पत्रिकाओं, समाचार पत्र और यहां तक ​​कि टी-शर्ट पर कॉपी और प्रिंट किया जा सकता है ।
  2. स्मार्टफोन उपयोगकर्ता QR कोड को स्कैन करते हैं जो स्वचालित रूप से उन्हें वेब पेज पर ले जाता है जो क्यूआर कोड से आया है।

क्विक रिस्पांस या क्यूआर कोड दो आयामी बारकोड होते हैं जिन्हें किसी भी कैमरा से लैस मोबाइल डिवाइस द्वारा स्कैन किया जा सकता है जिसका इंटरनेट से कनेक्शन होता है। एक बार कोड स्कैन करने के बाद, मोबाइल डिवाइस कोड के माध्यम से पढ़ेगा और कोड के भीतर एम्बेडेड जानकारी सामने आएगी। हालाँकि QR कोड ज्यादातर URL जानकारी को स्टोर करते हैं, लेकिन किसी भी प्रकार की जानकारी को QR कोड के भीतर कोडित किया जा सकता है। उनकी लोकप्रियता बढ़ने के कारण, QR कोड अब अन्य क्षेत्रों में शामिल किए जा रहे हैं और लोगों और उपभोक्ता को संचार के विभिन्न रूपों को प्रदान करने के लिए उपयोग किया जा रहा है।

प्रियोडिक टेबल ऑफ महाभारत व गीता इन क्यूआर कोडस् के लाभ

विद्यालय के मौलिक मुख्याध्यापक मनोज कुमार लाकड़ा जो हर समय पढ़ाई में नवाचार करते रहते हैं । मनोज कुमार लाकड़ा ने मोबाइल लर्निग के अंतर्गत बताया कि आजकल हर श्रेत्र में क्यू-आर कोड का महत्व बढ़ता जा रहा है । इसी श्रेणी में अब इन दो छात्राओं ने महाभारत व गीता को क्यूआर कोड में परिवर्तित कर नवीन व अनोखा कार्य किया है ।

अध्यापक मनोज कुमार लाकड़ा ने बताया कि उन्होंने आईसीटी श्रेत्र में मोबाइल लर्निग को विशेष तौर पर अपनाया है जिसमें क्यू-आर कोड के माध्यम से विशेष जानकारी बच्चों को उपलब्ध करवाई जा रही है । उन्होंने बताया कि आजकल रामायण, महाभारत व श्रीमद्भगवद् गीता को बच्चों को अवश्य पढ़ाया जाना चाहिए । इस प्रियोडिक टेबल को बनाने का मुख्य उद्देश्य भी यही है कि बच्चे इन क्यूआर कोड को स्कैन कर महाभारत व गीता से सम्बन्धित सारी जानकारी प्राप्त कर सकें । महाभारत के महत्वपूर्ण पात्रों की जानकारी, गीता के श्लोकोच्चारण, श्लोकों का अर्थ, गीता का सारगर्भित ज्ञान बच्चों तक आसानी से एक ही प्लेटफार्म प्रियोडिक टेबल ऑफ महाभारत व गीता क्यूआर कोडस् पर उपलब्ध करवाया गया है । एक प्रमुख लाभ यह भी है कि यह समय और धन बचाता है। विद्यार्थियों को जानकारी के लिए चारों ओर समय बर्बाद करने की आवश्यकता नहीं है, वे आसानी से QR कोड को स्कैन कर सकते हैं और जानकारी को आसानी से देखने के लिए फोन में पीडिएफ रूप में स्टोर कर सकते हैं । बच्चे अपने दोस्तों को आसानी से शेयर भी कर सकते हैं । विद्यालय की प्रधानाचार्या अंजू कपुर ने छात्रा साक्षी व स्नेहा को इस कार्य के लिए शाबाशी देते हुए बताया कि यह बच्चों का नवीन कार्य है और इस प्रियोडिक टेबल को आसानी से इमेल या वट्सअप पर शेयर भी किया जा सकता है ।

विद्यालय की छात्राओं ने इस प्रियोडिक टेबल ऑफ महाभारत व गीता को गुरूग्राम में आयोजित प्रथम गुरु द्रोण महोत्सव 2021 में भी प्रदर्शित किया जिसमें मुख्य अतिथि सांस्कृतिक राज्य मंत्री (भारत सरकार) अर्जुन राम मेघवाल व राज्यसभा सांसद सुरेश प्रभु ने छात्राओं के नवीन प्रयास की सराहना की ।

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