भोपाल। कोरोना के इस संकट काल में कई ऐसे परिवार हैं जो अपने आत्मीयजनों का विधि-विधान से अंतिम संस्कार नहीं कर पाए। भोपाल में ऐसे परिवारों की सहायता के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक आगे आये हैं। शनिवार को स्वयंसेवकों ने 200 से ज्यादा ऐसे लोगों की अस्थियों को सम्पूर्ण विधि-विधान के साथ माँ नर्मदा में विसर्जित किया। स्वयंसेवकों ने होशंगाबाद के मंगल घाट पर अस्थियाँ विसर्जित की।

        कोरोना काल की शुरुआत से ही स्वयंसेवक विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से समाज की सेवा लगे हैं। स्वयंसेवकों की टोली शहर के प्रमुख विश्राम घाटों पर भी सक्रिय है। इन स्थानों पर स्वयंसेवक साफ़ सफाई, लकड़ी, पूजन सामग्री समेत अन्य व्यवस्थाओं की चिंता कर रहे हैं। इस दौरान मध्यभारत प्रांत के स्वयंसेवकों ने 53 स्थानों पर अंतिम संस्कार के लिए अपनी सेवाएं दी हैं।

रीति-रिवाज के अनुसार किया अस्थि-विसर्जन :

संघ के कार्यकर्ता रमेश लेखवानी ने बताया कि जब हमारे स्वयंसेवक अंतिम संस्कार में सहयोग कर रहे थे तो कई ऐसे शव आये जिनके साथ कोई परिजन नहीं आये थे। हमने उन सभी लोगों की अस्थियों को संकलित किया था। कई ऐसे परिवार थे जो किन्हीं कारणों से अपने प्रियजनों के अस्थियों को नहीं ले जा पाए। उन्होंने हमसे अनुरोध किया था कि विधि-विधान से उनके प्रियजनों की अस्थियों का विसर्जन करने में सहयोग करें।

प्रान्त संघचालक ने किया नर्मदापुरम के लिए रवाना :

स्वयंसेवकों की टोली आज सुबह 07:00 बजे 200 से ज्यादा अस्थियों के साथ भोपाल से नर्मदापुरम (होशंगाबाद) निकले। इस दौरान मध्यभारत के प्रांत संघचालक श्री अशोक जी पाण्डेय ने पुष्पांजलि अर्पित की एवं दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। नर्मदापुरम के मंगल घाट पर पूजन के बाद इन अस्थियों को माँ नर्मदा में विसर्जित कर दिया गया।

अस्थि-विसर्जन की प्रक्रिया से ऑनलाइन जुड़े परिजन :

इस दौरान स्वयंसेवकों ने पीड़ित परिवारों की चिंता करते हुए यह प्रयास किया कि वह भी अपने आत्मीयजनों के पिंड दान का हिस्सा बन सकें। इसके लिए पूरी विधि-विधान के दौरान परिवारों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम जोड़ा गया। उन्होंने भी मृतकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

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