(दाऊ महाराज जी की)
आरती दाऊ बाबा की कीजै।
अपनौ मन पावन कर लीजै।।
वासुदेव सूत रोहिणी छैया।
श्रीकृष्ण कौ प्यारौ बड़ौ भैया।।
रेवती माँ के संग दर्शन कीजै।
आरती दाऊ बाबा की कीजै।।
नन्द यशोदा के आंगन में।
खेले ये मोहन के संग में।।
ग्वाल बाल के संग गाय चरावै।
ब्रज कौ ये राजा कहलावै।।
श्री कृष्णा संग पूजन कीजै।
आरती दाऊ बाबा की कीजै।।
शेष नाग के हैं अवतारी।
त्रेता में लक्ष्मण रूप है धरी।।
द्वापर में भी कृष्णा संग आये।
नाम से यह बलराम कहाय।।
भजन कीर्तन इनका कीजै।
आरती दाऊ बाबा की कीजै।।
गोकुल के पास में है गाँव बसाया।
बलदेव नगर है वह कहलाया।।
गदा और हल के हैं धारी।
ये तो हैं अतुलित बल धारी।।
ब्रिज के राजा सुमिरन कीजै।।
आरती दाऊ बाबा की कीजै।।