वर्ष 2022 का वार्षिक राशिफल

मेश रशि – वार्षिक राशिफल

इस वर्ष 13 अप्रैल को गुरु मीन राशि में द्वदश  भाव में और 17 मार्च को राहु मेष राशि में प्रथम भाव में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में एकादश भाव में प्रवेश करेंगे और वक्री होकर 12 जुलाई को मकर राशि में दशम भाव में आ जाएंगे। 30 सितम्बर से 21 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेंगे।

कार्य व्यवसाय

कार्य व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ बहुत बढिया रहेगा। वर्ष के शुरुआत में सप्तम स्थान पर गुरु एवं शनि की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से व्यापार में बहुत उन्नति का योग बन रहा है। यदि आप कुछ नया करने जा रहे हैं . क्षेत्र से जुडे अनुभवी व्यक्तियों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।

व्यापार में आपको भाईयों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। यदि आप साझेदारी व्यवसाय कर रही हैं तो इच्छित लाभ प्राप्त होगा और आप अपने साझेदार से संतुष्ट रहेंगी। दशमस्थ शनि के प्रभाव से नौकरी करनेवाली महिलाओं की पदोन्नति हो सकती है। 13 अप्रैल के बाद व्यवसाय में उन्नति के लिए निवेश करेंगी।

आर्थिक दृष्टि

आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ बढि¦या रहेगा। एकादशस्थ गुरु के प्रभाव से घनागम में निरंतरता बनी रहेगी परन्तु  दूसरे भाव में राहु के प्रभाव से आप इच्छित बचत कम ही कर पाएंगी। 13 अप्रैल के बाद चतुर्थ स्थान पर गुरु ग्रह के दृष्टि प्रभाव से आपको भूमि, भवन, वाहन इत्यादि वस्तुओं का सुख प्राप्त होगा।  परिवार में मांगलिक कार्य सम्पन्न होंगे उसमें भी आपका घन व्यय होगा। इस समय के अंतराल में कोई  बड़ा निवेश न करें, या किसी को उघार पैसा न दें नहीं तो वापसी की उम्मीद कम है। 17 मार्च के बाद लग्न स्थान का राहु शारीरिक बीमारी दूर करने में भी धन व्यय करा सकता है।

पारिवारिक दृष्टि

पारिवारिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ सामान्य रहेगा। अघिक व्यस्तता के कारण आप अपने परिजनों को अघिक समय नहीं दे पायेंगे।  दूसरे भाव में राहु अचानक परिवार में विषम परिस्थिति उत्पन्न कर सकता है परन्तु आप अपने विवेक से उसे भी अनुकूल बना लेंगे। जिससे आपका पारिवारिक माहौल अनुकूल बना रहेगा। आपके भाईयों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। वर्षारम्भ में आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में बढो़तरी होगी परन्तु 13 अप्रैल के बाद अघिक यात्राओं व कुछ अन्य परेशानियों के चलते सामाजिक गतिविघियों में बढ चढ कर भाग नहीं ले पायेंगे।

संतान

संतान की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। पंचम स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपके बच्चों की उन्नति होगी। नवविवाहित महिलाओं को संतान रत्न की प्राप्ति के अच्छे योग बन रहे हैं। बच्चे की शिक्षा में भी सुघार होगा और उन्नति के भी अवसर मिलते रहेंगे।

यदि आपकी दूसरी संतान विवाह के योग्य हैं तो उसका विवाह संस्कार हो जाएगा। 13 अप्रैल के बाद समय थोड़ा प्रभावित हो सकता है।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ सामान्य रहेगा। मानसिक रूप से आप सन्तुष्ट रहेंगी। प्रत्येक कार्य को आप सकारात्मक रूप से करेंगी। यदि पहले से कोई बीमारी नहीं है तो वर्ष का प्रारम्भ आपके लिए अनुकूल रहेगा। परन्तु 13 अप्रैल के बाद गुरु ग्रह का गोचर द्वादश  स्थान में होगा एवं लग्नस्थ राहु पर शनि की दृष्टि प्रभाव से छोटी- बीमारियों से स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

राहु के अग्नि तत्व राशि में होने के कारण पाचन तन्त्र या गैस संबंघित परेशानी हो सकती है। ऐसे में स्वास्थ्य का ख्याल रख्नना बहुत जरुरी होगा। यदि पहले से कोई लम्बी बीमारी से ग्रसित हैं तो परहेज की आवश्यकता है।

प्रतियोगी परीक्षा

यह वर्ष आपके लिए प्रतियोगी परिक्षाओं में सफलता की दृष्टि से अनुकूल रहेगा। पंचम स्थान पर गुरु की दृष्टि विद्यार्थियों के लिए शुभ हैं. ,  यदि उच्च शिक्षा  हेतु उच्च शिक्षण संस्थान में प्रवेश पाना चाहती हैं तो वर्ष के प्रारम्भ में ही अच्छे संस्थान में प्रवेश मिल सकता है। अप्रैल के बाद छठे स्थान पर गुरु एवं शनि की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से प्रतियोगी परिक्षाओं  में सफलता के सामान्य योग हैं। बेरोजगार महिलाओं को रोजगार की प्राप्ति के संकेत हैं। व्यापार में उन्नति होगी एवं आपका उत्पाद मशहूर होगा।

यात्रा

यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष अनुकूल रहेगा। वर्ष के प्रारम्भ में सप्तम स्थान पर गुरु एवं शनि ग्रह की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से व्यवसायिक महिलाओं की व्यवसाय से संबंघित यात्राएं होती रहेंगी। यह यात्रा आपके लिए लाभप्रद

होगी। छोटी यात्राएं तो होती ही रहेंगी परन्तु 13 अप्रैल के बाद द्वदश स्थान का गुरु आपको विदेश यात्रा करा सकता है। चतुर्थ स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से अपने घर  से दूर रहने वाले व्यक्तियों की अपनी जन्म भूमि की यात्रा हो सकती है।

धार्मिक कार्य

धार्मिक कार्य के लिए यह वर्ष अच्छा रहेगा। एकादश स्थान में गुरु ग्रह के गोचरीय प्रभाव से आपका मन पूजा-पाठ के प्रति ज्यादा आकर्षित होगा। परमात्मा की भाक्ति या मन्त्र पाठ में ज्यादा रूचि लेंगे। 13 अप्रैल के बाद गुरु ग्रह का गोचर द्वादश स्थान में होगा। उस समय आप दान पुण्य अघिक करेंगे.

उपाय

 महामृत्युंजय यन्त्र अपने घर में स्थापित करें और नित्य उसका पूजन करें।

 देव, ब्राह्मण, बुजुर्ग, गुरु व मंदिर के पूजारी की सेवा, सुश्रूषा करें।

पीली दाल, केला व बेसन की मिठाई मंदिर में दान करें एवं गुरुवार का व्रत करें।

वार्षिक राशिफल वॄषभ राशि २०२२

ग्रह गोचर

इस वर्ष 13 अप्रैल को गुरु मीन राशि में एकादश भाव में और 17 मार्च को राहु मेष राशि में द्वादश भाव में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में दशम भाव में प्रवेश करेंगे और वक्री होकर 12 जुलाई को मकर राशि में नवम भाव में आ जाएंगे। 30 सितम्बर से 21 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेंगे।

कार्य व्यवसाय

कार्य व्यवसाय की दृष्टि से यह वर्ष अच्छा रहेगा। वर्ष के प्रारम्भ में दशम भाव में गुरु ग्रह के गोचरीय प्रभाव से आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा लाभ प्राप्त करेंगे. व्यवसाय को एक नया मोड़ मिलेगाड, जिससे आपको व्यापार में अघिक लाभ प्राप्त होगा। नौकरी करने वाले व्यक्तियों की पदोन्नति भी हो सकती है।

13 अप्रैल के बाद एकादश स्थान स्थित गुरु आपके व्यापार से आय बढ़ा सकते हैं। उस समय आपको प्रभावशाली व्यक्तियों का सहयोग प्राप्त होगा। 29 अप्रैल के बाद चतुर्थ स्थान पर शनि ग्रह की दृष्टि नौकरी करने वाले व्यक्तियों का स्थानान्तरण करा सकती है।

आर्थिक

आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। धन आगमन तो होता रहेगा परन्तु आप अपनी भौतिक सुख सुविधा पर अघिक खर्च करेंगे.  चतुर्थ एवं द्वितीय स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपको भूमि, भवन, वाहन एवं रत्नादि वस्तुओं की प्राप्ति हो सकती है।

13 अप्रैल के बाद एकादश स्थान में गुरु ग्रह के गोचरीय प्रभाव से आपके रूके हुए पैसे मिल सकते हैं साथ ही आपके धनागम में वॄद्धि होगि। पुराने चले आ रहे ऋण इत्यादि से मुक्ति मिल सकती है। आप अपनी संचित पूँजी बढ़ा पाएंगे। भाई-बहन या पुत्र के विवाह पर धन खर्च  होगा।

पारिवारिक दृष्टि

पारिवारिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। चतुर्थ स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपके परिवार में सुख  शान्ति का वातावरण बना रहेगा। आपको माता-पिता सहित पूरे परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। आपके व्यक्तित्व में निखार आयेगा। बातचीत का ढंग व व्यवहार दोनों में बदलाव आएगा।

13 अप्रैल के बाद आपको प्रेम प्रसंग में भी सफलता प्राप्त होगी। आपके जीवनसाथी के साथ सम्बन्घ मघुर होंगे। तृतीय स्थान में गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वॄद्दि होगी।

संतान

संतान की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ सामान्य रहेगा। आपके बच्चे अपने परिश्रम के बल पर आगे बढायेंगे वे अपने बौद्धिक बल पर अपने लक्षय को प्राप्त करेंगी। 13 अप्रैल के बाद पंचम स्थान पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से नवविवाहित व्यक्तियांे को संतान की प्राप्ति हो सकती है।

आपके बच्चों की उन्नति होगी। प्रथम संतान के विषय में शुभ समाचार प्राप्त होंगे।  शिक्षा के क्षेत्र में भी अच्छी प्रगति होने के शुभ योग बने हैं। यदि आपका बच्चा विवाह के योग्य है तो उसका विवाह संस्कार हो सकता है।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ कोई विशेष शुभ नहीं रहेगा। लग्न स्थान का राहु आपके स्वास्थ्य में उतार चढ़ाव की स्थिति बना सकते हैं। मानसिक रूप से आप कभी-कभी असन्तुष्ट भी रहेंगे परन्तु गुरु ग्रह का गोचर शुभ स्थान में होने के कारण आपके स्वास्थ्य में अनुकूलता भी प्राप्त होती रहेगी।

यदि पहले से कोई बीमारी नहीं है तो यह समय अच्छा रहेगा। कभी-कभी मौसम जनित बीमारियों से परेशान हो रही हैं तो जल्दी ही आप अच्छे हो जाएंगे। अपना स्वास्थ्य अनुकूल रखने के लिए शाकाहारी भोजन करें। कोई भी दीर्घकालिक बीमारी का खतरा नहीं हैं.

प्रतियोगी परीक्षा

प्रतियोगी परीक्षा के लिए यह वर्ष बहुत अच्छा रहेगा। षष्ठ स्थान स्थित गुरु एवं शनि की दृष्टि प्रभाव से परीक्षा में सफलता प्राप्त होगी। बेरोजगार व्यक्तियों को नौकरी मिल सकती है।

13 अप्रैल के बाद व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए समय बहुत अच्छा है। विद्यार्थियों की शिक्षा के प्रति रूचि  बढेगी। इस समय यदि आप पढाई में मन को एकाग्र करें तो सफलता मिल सकती है।

यात्रा

यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष अच्छा रहेगा। नवम स्थान का शनि आपको लम्बी यात्रा करा सकता है। 13 अप्रैल के बाद आपकी निकट स्थल की यात्राएं अघिक होंगी।

व्यावसाय संबंघित यात्राए भी होंगी। मार्च के बाद द्वाद्श स्थान में राहु ग्रह के गोचरीय प्रभाव से विदेश यात्रा के प्रबल योग बन रहे हैं।

धार्मिक

धार्मिक कार्यों के लिए यह वर्ष अनुकूल रहेगा। घर्म स्थान का शनि आपकी आध्यात्मिक शक्ति को बढाएगा, जिससे धार्मिक कार्यो के प्रति आपकी रुचि और बढेगी.  धार्मिक गतिविधियों में आप बढ चढ के भाग लेंगे। 13 अप्रैल के बाद पंचम स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपके अंदर भगवान के प्रति श्रद्गा एवं विश्वास और बढ़ाएगा। जिससे आप निस्वार्थ भाव से भगवान की पूजा, पाठ, यज्ञ, अनुष्ठान इत्यादि संपन्न करेंगे.

उपाय

  अमावस्या तिथि को किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं।

  वर्ष के प्रारम्भ में दुर्गा बीसा यंत्र घारण करें तथा दुर्गा कवच का पाठ करें।

  प्रत्येक दिन राहु मन्त्र का पाठ करें एवं शनिवार के दिन राहु ग्रह की वस्तु का दान करें।

वार्षिक राशिफल मिथुन राशि २०२२

ग्रह स्थिति

इस वर्ष 13 अप्रैल को गुरु मीन राशि में दशम भाव में और 17 मार्च को राहु मेष राशि में एकादश भाव में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में नवम भाव में प्रवेश करेंगे और वक्री होकर 12 जुलाई को मकर राशि में अष्टम भाव में आ जाएंगे। 30 सितम्बर से 21 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेंगे।

कार्य व्यवसाय

कार्य व्यवसाय की दृष्टि से यह वर्ष मिला-जुला रहेगा। कार्य में सफलता प्राप्ति के लिए आपको लगातार अथक प्रयास करना पडेगा। अष्टमस्थ शनि के प्रभाव से कुछ विरोधियों द्वारा आपके कार्यों में रूकावटें डाली जा सकती है परन्तु सामान्य काम काज पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

13 अप्रैल के बाद वरिष्ठ  अघिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी करने वाले व्यक्तियों की पदोन्नति हो सकती है। भूमि से सम्बन्घित कार्य करनेवाली महिलाओं को लाभ प्राप्त होगा। जो व्यक्ति परामर्शदाता, अध्यापक अथवा अपना काम करते हैं उनको अच्छा लाभ प्राप्त होगा।

आर्थिक पक्ष

आर्थिक दृष्टि से यह वर्ष सामान्य फलदायक रहेगा। यदि आप निष्ठा के साथ प्रयास करते हैं तो आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। एकादश स्थान पर शनि की दृष्टि से आय में निरंतरता बनी रहेगी। 13 अप्रैल के बाद द्वितीय एवं चतुर्थ स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से भूमि, भवन, वाहन के साथ-साथ रत्न आभूषण इत्यादि की प्राप्ति के योग बनेंगे।

अपने परिवार के सदस्यों तथा रिश्तेदारों के मांगलिक कार्यों में धन का व्यय होगा। यदि कोई बड़ा निवेश करना  पड़े तो उस क्षेत्र से जुडे अनुभवी व्यक्तियों की सलाह अवश्य लें। पैतृक संपत्ति के मामले में कोई वाद-विवाद आदि में पड़ने से बचें।

पारिवारिक दृष्टि

पारिवारिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ सामान्य रहेगा। परिवार में किसी के साथ आपका वैचारिक मतभेद भी हो सकता है। तृतीय स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि से आपको सामाजिक पद व प्रतिष्ठा की प्राप्ती होगी। 13 अप्रैल के बाद पारिवारिक दृष्टि से समय अनुकूल होने लगेगा।

बड़ों सदस्यों का सहयोग प्राप्त होगा। जिससे आपका आत्म विश्वास बढ़ेगा और परिवार के प्रति आपका आकर्षण भी ब्ढ़ेगा। माता-पिता के लिए यह समय काफी अच्छा रहेगा। परन्तु ससुराल पक्ष के लिए व उनके साथ संबंघों के लिए सामान्य है।

संतान

संतान की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ बहुत अनुकूल रहेगा। पंचम स्थान पर शनि एवं गुरु की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से नवविवाहित महिलाओं को संतान रत्न की प्राप्ति होगी। आपके बच्चे उन्नति करेंगी। उच्च शिक्षा प्राप्ति हेतु अच्छे संस्थान में उनका प्रवेश हो जाएगा।

यदि आपका पहला बच्चा विवाह के योग्य है तो उसका विवाह संस्कार हो जाएगा। 13 अप्रैल के बाद समय थोड़ा प्रभावित होगा। उस समय भी वे अपनी शिक्षा व रोजगार प्राप्ति के प्रयासों में सफल होंगी। दूसरे बच्चे के लिए यह वर्ष सामान्य रहेगा।

स्वास्थ्य

वर्ष के प्रारम्भ में स्वास्थ्य अच्छा रहेगा लेकिन स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रह सकती है। नवमस्थ गुरु की पंचम दृष्टि लग्न पर होगी उसके प्रभाव से शारीरिक आरोग्यता की प्राप्ति व  कार्यक्षमताओं में वॄद्दि के प्रबल संकेत है। मानसिक शांति, प्रसन्नता एवं सकारात्मक सोच में  वॄदि होगी। अप्रैल के बाद आपका स्वास्थ्य थोड¦ा प्रभावित हो सकता है।

अष्टम स्थान का शनि अचानक ही स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। अत: उस समय स्वास्थ्य संबंघी गतिविघियों के प्रति ध्यान देना आवश्यक होगा।

खाने पीने कि वस्तुओं में सावघानी बरतें। शारीरिक दुर्बलता, थकान तथा पेट संबंघी समस्याएं उत्पन्न होने की भी संभावनाएं हैं। नियमित रूप से व्यायाम करना लाभदायक होगा।

शिक्षा सबंधी

विद्यार्थियों के लिए वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल है। पंचम स्थान पर शनि एवं गुरु का संयुक्त दृष्टि प्रभाव विद्यार्थियों के लिए बहुत अच्छा योग है। शिक्षा के क्षेत्र में वह अच्छी उन्नति करेंगी। उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए अच्छे संस्थान में उनका प्रवेश मिल सकता है।  

13 अप्रैल के बाद छठे स्थान पर गुरु ग्रह के दृष्टि प्रभाव से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले व्यक्तियों को सफलता प्राप्त होगी। जो व्यक्ति नौकरी की तलाश में हैं उनको अप्रैल के बाद नौकरी मिल सकती है।

 यात्रा

नवमस्थ गुरु के प्रभाव से लम्बी यात्रा का प्रबल योग बन रहा है। इन यात्राओं से भाग्योन्नति भी होगी। इस यात्रा के दौरान आपको किसी के साथ मित्रता भी हो सकती है।

वर्षारम्भ में द्वाद्श स्थान का राहु आपको विदेश यात्रा का योग बनाएगा। यात्रा करते समय या वाहन चलाते समय सावघानी अत्यघिक जरूरी है। क्योंकि अष्टम स्थान में शनि के गोचरीय प्रभाव से वाहन दुर्घटना या किसी अन्य प्रकार की हानि हो सकती है।

पूजा-पाठ

आपकोई विशेष पूजा-पाठ यज्ञ, अनुष्ठान, हवन इत्यादि धार्मिक गतिविघियों में रुचि लेंगे तथा मानसिक रूप से संतुष्ट रहेंगे। पंचम स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपके मन में आध्यात्मिक ज्ञान बढ़ाएगा, जिससे परमात्मा के प्रति भक्ति का भाव उत्पन्न होगा।

उपाय

  प्रत्येक मंगलवार के दिन हनुमान जी को चोला चढाएं और हनुमान चालिसा का पाठ करें.

  प्रतिदिन राहु मन्त्र का पाठ करें।

  शनिवार के दिन काली वस्तु का दान करें।

कर्क राशि वार्षिक राशिफल २०२२

ग्रह स्थिति

इस वर्ष 13 अप्रैल को गुरु मीन राशि में नवम भाव में और 17 मार्च को राहु मेष राशि में दशम भाव में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में अष्टम भाव में प्रवेश करेंगे और वक्री होकर 12 जुलाई को मकर राशि में सप्तम भाव में आ जाएंगे। 30 सितम्बर से 21 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेंगे।

व्यवसाय

व्यवसाय की दृष्टि से यह वर्ष सामान्य शुभ फलदायक रहेगा। वर्षारंभ में कुछ कठिनाईयां रह सकती हैं इसके अतिरिक्त मई, जून व जुलाई के महीनों में भी कुछ समस्याएं अनायास ही उत्पन्न हो सकती हैं परंतु आप अपने परिश्रम व आत्मविश्वास तथा कार्यों में आप अपनी दक्षता के बल पर सफलता प्राप्त करेंगी। सप्तम स्थान में शनि ग्रह के प्रभाव से आप अपने कार्यों को अंजाम तक पहुंचाने में सफल होंगी।

कार्यक्षेत्र में गुप्त शत्रुओं द्वारा रुकावट डाली जा सकती है। इसलिए सावघानी से अपनी बौद्धिक शक्ति के अनुसार कार्य करते  रहें। नौकरी करने वाली व्यक्तियों को अपने कार्य स्थल पर मान सम्ंमान प्राप्त होगा।

आर्थिक दृष्टि

आर्थिक दृष्टि से यह वर्ष का सामान्य रहेगा। एकादश स्थान का राहु आपको अचानक धन लाभ कराने का योग बना रहे हैं। जिससे पुराने चले आ रहे कर्जे इत्यादि से मुक्ति मिल सकती है।

वर्ष का उतरार्द्ध आपकी आर्थिक उन्नति के लिए अच्छा रहेगा। गुरु ग्रह का गोचर अनुकूल होने के कारण आपके धनागमन में वॄद्धि होगी जिससे आप इच्छित बचत कर सकते हैं। मांगलिक व सामाजिक कार्यों तथा बच्चों की शिक्षा पर आप धन का व्यय करेंगे।

पारिवारिक

पारिवारिक रूप से वर्ष का प्रारम्भ सामान्य रहेगा। चतुर्थ स्थान पर गुरु एवं शनि की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से आपके परिवार में सुख शान्ति का वातावरण बना रहेगा। माता का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।

वर्ष के उतरार्द्ध में संतान संबंघी चिंताएं समाप्त होंगी तथा सामाजिक प्रतिष्ठा में बढोत्तरी होगी। सामाजिक गतिविघियो में आप बढ़ चढ़ कर भाग लेंगे। आपके छोटे भाई बहनों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा ।

संतान

संतान की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ सामान्यत: अनुकूल नहीं रहेगा। संतान के स्वास्थ्य, शिक्षा तथा रोजगार के क्षेत्रों में आनेवाली रुकवाटों के चलते आपकी चिंताएं बढेंगी।

वर्ष के उतरार्द्ध में आपके बच्चों के लिए बेहतर समय का आगमन होगा तथा संतान संबंघी चिंताएं पूर्णतया समाप्त होंगी व नवविवाहित व्यक्तियों को संतान रत्न की प्राप्ति हो सकती है। आपके बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के क्षेत्त्र में भी सुधार होने लगेगा।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य के दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ सामान्यत: अनुकूल नहीं रहेगा। अष्टमस्थ गुरु के प्रभाव से मौसम जनित बीमारियों से थोडी परेशानी हो सकती है। अपने खान पान के साथ-साथ आपनी दिनचर्या सुघारें व सुबह सुबह शुद्ध हवा में व्यायाम के साथ योगाभ्यास भी करें। किसी आर्थिक मुद्दे को लेकर या किसी विरोघी के कारण दिमागी तनाव न पालें।

वर्ष के उतरार्द्ध में स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। लग्न स्थान पर शुभ ग्रह के प्रभाव से आपके मन में अच्छे विचार आएंगे। धार्मिक कृत्यों में अघिक रूचि बढेगी जिससे आप मानसिक रूप से संतुष्ट रहेंगे।

प्रतियोगी परीक्षा

वर्ष के प्रारम्भ में प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की दृष्टि से सामान्य ही रहेगा। लगातार अथक परिश्रम की आवश्यकता है।

यदि आप उच्च शिक्षा हेतु उच्च संस्थान में प्रवेश पाना चाहते हैं तो वर्ष के  प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिल जाएगी। जिन जातक की नौकरी अभी नहीं लगी है उन व्यक्तियों को कुछ समय के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।

यात्रा

यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष ठीक ठाक रहेगा। वर्ष के प्रारम्भ में सप्तम स्थान का शनि व्यापारिक व्यक्तियो को व्यवसाय से संबंघित यात्राए करा सकते है।

द्वादश  स्थान पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से आप विदेश यात्रा कर सकते हैं। वर्ष के उतरार्द्ध  में आप अपनी जन्मभूमि के साथ-साथ धार्मिक यात्राए भी करेंगे।

धार्मिक

धार्मिक कार्यों के लिए वर्ष का प्रारम्भ अच्छा नहीं रहेगा। अष्टम स्थान का गुरु धार्मिक कार्यों में बाधा उत्पन्न करते है। मानसिक निराशा के कारण पूजा-पाठ में एकाग्रता नहीं रहेगी। वर्ष के  में आपका मन धार्मिक कार्यों में आकृष्ट होगा। आप अपने गुरुजनों का सम्मान करेंगे. उनके दिये गये उपदेशों का पालन करेंगे और गरीबों की सहायता करेंगे.

   देव, ब्राह्मण, बुजुर्ग, गुरु व मंदिर के पूजारी की सेवा सुश्रूषा करें।

  केला या पीली वस्तु का दान करें । वीरवार का व्रत करें एवं बेसन के लड्डू दान करें।

  प्रति दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

सिंह राशि वार्षिक राशिफल २०२२

ग्रह स्थिति

इस वर्ष 13 अप्रैल को गुरु मीन राशि में अष्टम भाव में और 17 मार्च को राहु मेष राशि में नवम भाव में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे और वक्री होकर 12 जुलाई को मकर राशि में षष्ठम भाव में आ जाएंगे। 30 सितम्बर से 21 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेंगे।

कार्य व्यवसाय

कार्य व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। सप्तमस्थ गुरु के प्रभाव से आपको व्यवसाय में अच्छी सफलता प्राप्त होगी। आमदनी के नये- नये स्रोत मिलने की संभावना है। यदि आप साझेदारी में कोई कार्य कर रही हैं तो आपको इच्छित लाभ प्राप्त होगा और आप अपने साझेदार से संतुष्ट रहेंगीं। नौकरी करने वालांे को अपने कार्य स्थल पर ही मान-सम्मान बढेगा।

वर्ष के  उतरार्द्ध में समय थोड़ा प्रभावित हो सकता है। उस समय गुप्त शत्रुओं द्वारा आपके कार्यों में रूकावटें डाली जा सकती है। परन्तु षष्टस्थ शनि के प्रभाव से आपके कार्य व्यवसाय में उसका नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा.

आर्थिक दृष्टि

आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ उत्तम रहेगा। धनागमन में निरन्तरता बनी रहेगी। जिससे आप इच्छित बचत करने में सफल रहेंगी। 13 अप्रैल के बाद चतुर्थ स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपको भूमि भवन वाहन इत्यादि का सुख प्राप्त होगा।

अपने परिवार के सदस्यों तथा संबंघियों के, मांगलिक कार्यों में आपका धन खर्च होगा। यदि कोई बड़ा निवेश करना चाहती हैं, तो उसके लिए भी समय अनुकूल है। अष्टमस्थ गुरु पर शनि की दृष्टि के कारण आपको अनायास धन प्राप्ति के योग बनेंगे। ससुराल  पक्ष से भी धन लाभ हो सकता है।

पारिवारिक

पारिवारिक रूप से वर्ष का प्रारम्भ सामान्यत: अच्छा रहेगा। आपके भाईयों का सहयोग प्राप्त होगा। सप्तमस्थ गुरु के प्रभाव से आपके जीवनसाथी के साथ संबंघ मघुर होंगे। यदि आप अविवाहित हैं तो आपका विवाह संस्कार हो सकता है। तृतीय स्थान पर गुरु एवं शनि की संयुक्त दृष्टि के कारण समाजिक प्रतिष्ठा में बढोतरी होगी।

13 अप्रैल के बाद चतुर्थ एवं द्वितीय स्थान पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से आपके परिवार में सुख शान्ति का वातावरण बना रहेगा। परिवार में किसी सदस्य की वृद्धि का योग बन रहा है। आपके ससुराल पक्ष के लोग आप से प्रसन्न रहेंगे और उनके साथ आपका संबंघ मघुर बने रहेंगे।

संतान

संतान के लिए यह वर्ष सामान्य रहेगा। वर्षारम्भ में सप्तम स्थान का गुरु आपके बच्चों के पराक्रम में वृद्धि उत्पन्न करेंगे। आपके दूसरे बच्चे के लिए समय विशेष अनुकूल है।

वर्ष के  उतरार्द्ध में संतान के स्वास्थ्य के मामले में सतर्क रहें। अष्टम स्थान का गुरु आपकी संतान को मानसिक अशान्ति दे सकते हैं जिससे उनकी शिक्षा प्रभावित हो सकती है।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अत्यघिक अनुकूल रहेगा। लग्न स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपके मन में अच्छे विचार आएंगे व आपका खान पान एवं दिनचर्या भी अच्छी रहेगी।

वर्ष के  उतरार्द्ध में आपका समय प्रभावित हो सकता है। अत: उस समय आपको अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

करियर

करियर एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह वर्ष अत्यघिक अनुकूल रहेगा। छठे स्थान में शनि के प्रभाव से आप प्रतियोगी में सफलता प्राप्त करेंगी। विदेश जाकर उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए समय अनुकूल है।

जो व्यक्ति इलेक्ट्रोनिक या हार्डवेयर से संबंघित कार्य कर रहे हैं। उनको अपने करियर में अच्छी सफलता मिलेगी। यह वर्ष रोजगार प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ है। इस वर्ष आप अपने सारे प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ कर आगे निकलेंगे.

यात्रा

इस वर्ष यात्राएं बहुत होंगी। 13 अप्रैल के बाद द्वादश स्थान पर गुरु एवं शनि की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से आप विदेश यात्रा करेंगे.

यात्राओं से आपको अच्छा लाभ प्राप्त होगा 29 मार्च के बाद नवम स्थान का राहु आपको लम्बी यात्रा भी करा सकता है।

धार्मिक

धार्मिक कार्य के लिए यह वर्ष अच्छा रहेगा। वर्ष के प्रारम्भ में पूजा-पाठ के प्रति आपका आकर्षण बढ़ेगा। आप अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर हवनादि कार्य संपन्न करेंगे। तीर्थ यात्रा करेंगे। 13 अप्रैल के बाद द्वादश स्थान पर गुरु एवं शनि की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से आप दान पुण्य भण्डारा इत्यादि अच्छे कर्मों पर अघिक पैसा खर्च करेंगे। जिससे आपको आत्मिक सुख का अनुभव होगा। अनाथशाला या गरीब बच्चे कि शिक्षा पर भी आपका धन खर्च हो सकता है।

उपाय

  सूर्योदय से पहले उठकर सूर्य नमस्कार करें या सूर्य को जल चढ़ायें.

  अपने घर में श्रीयन्त्र की स्थापना करें और उसके सामने घी का दीपक जलाएं।

कन्या वार्षिक राशिफल २०२२

ग्रह स्थिति

इस वर्ष 13 अप्रैल को गुरु मीन राशि में सप्तम भाव में और 17 मार्च को राहु मेष राशि में अष्टम भाव में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में षष्टम भाव में प्रवेश करेंगे और वक्री होकर 12 जुलाई को मकर राशि में पंचम भाव में आ जाएंगे। 30 सितम्बर से 21 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेंगे।

व्यवसाय

व्यवसाय की दृष्टि से यह वर्ष सामान्य फलदायक रहेगा। वर्षारम्भ में आप अपने कार्यों को अंजाम तक पहुंचाने में कठिनाई का अनुभव नहीं करेंगी। आपके कार्य क्षेत्र में गुप्त शत्रु रुकावट डालने में असमर्थ रहेंगे। नौकरी पेशा वाली महिलाओं को अपने कार्य स्थल पर ही मान-सम्ंमान प्राप्त होगा।

वर्ष के उतरार्द्ध  में आपको व्यवसाय में अच्छा लाभ प्राप्त होगा। आमदनी के नये- नये स्रोत मिलने की उम्मीद है। इस अवघि कोई नया कार्य प्रारंभ करने में सफलता प्राप्त करेंगे। आपको अनुभवी और वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। साझेदारी में भी आपको इच्छित लाभ प्राप्त होगा और आप अपने साझेदार से संतुष्ट रहेंगे.

आर्थिक दृष्टि

आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ बढि¦या रहेगा। द्वितीय  स्थान पर गुरु एवं शनि की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से आप इच्छित बचत कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत  बना सकते हैं। रत्न आभूषण इत्यादि की प्राप्ति हो सकती है। घनागम में निरंतरता बनी रहेगी। जिससे पुराने चले आ रहे कर्जे इत्यादि से मुक्ति मिल सकती है।

इस वर्ष आप मांगलिक कार्यों में भी धन का व्यय करेंगी। 13 अप्रैल के बाद गुरु का गोचर और अनुकूल हो रहा है। उस समय मित्र या जीवनसाथी के माध्यम से धन लाभ हो सकता है।

पारिवारिक

पारिवारिक मामलों के लिए यह वर्ष बहुत अनुकूल रहेगा। द्वितीय स्थान पर गुरु एवं शनि के संयुक्त दृष्टि प्रभाव से आपके परिवार में सुख शान्ति का वातावरण बना रहेगा। आपके परिवार में किसी सदस्य की वृद्धि  होगी। यह  वृद्धि विवाह या जन्म के माध्यम से हो सकती है।

वर्षारम्भ में आपके घर मांगलिक कार्य संपन्न होने का योग बन रहा है। 13 अप्रैल के बाद समय और अनुकूल हो रहा है। यदि आप अविवाहित हैं तो इस समय के अंतराल आपका विवाह संस्कार हो सकता है। अपने जीवन साथी या मित्र के साथ आपके मघुर संबंघ होगे। आपके भाईयों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। तृतीय स्थान पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।

संतान

संतान के लिए यह वर्ष सामान्य फलदायक रहेगा। वर्षारम्भ में आपको अपनी संतान को लेकर कुछ चिन्ताएं हो सकती हैं। उसका स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है जिसका नकारात्मक प्रभाव उसकी शिक्षा पर भी पड़ सकता है।

परन्तु 13 अप्रैल के बाद समय काफी अच्छा हो जाएगा। आपके दूसरे बच्चे के लिए समय अच्छा होगा। उसको अपने कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगा। यदि वह उच्चा शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तो अच्छे संस्थान में उनका प्रवेश हो जाएगा। यदि वह विवाह योग्य है तो उसका विवाह भी हो सकता है।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य के लिहाज से वर्ष का प्रारम्भ सामान्य रहेगा। छठे स्थान का गुरु छोटी- बीमारियों से स्वास्थ्य प्रभावित कर सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरुरी होगा।

13 अप्रैल को गुरु ग्रह का गोचर सप्तम स्थान में होगा। उस के बाद आपका स्वास्थ्य घीरे घीरे अनुकूल हो जाएगा। लग्न पर गुरु की दृष्टि होने से मानसिक प्रसन्नता, संतोष, आरोग्यता, आत्मविश्वास, योग व व्यायाम आदि में रुचि आदि शुभ फल प्राप्त होंगे।

प्रतियोगी परीक्षा

प्रतियोगी परीक्षा के लिए यह वर्ष  सामान्य फलदायक रहेगा। करियर में सफलता प्राप्ति के लिए परिश्रम करने की आवश्यकता है। जो विद्यार्थी विदेश या दूर जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं उनके लिए समय अनुकूल है।

13 अप्रैल के बाद से समय काफी अनुकूल हो रहा है। उस समय के अंतराल में यदि किसी प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेना चाहते हैं तो उसके लिए समय अनुकूल है, उसमें आपको सफलता मिलेगी। यदि आप कोई व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रही हैं तो उसमें भी सफलता प्राप्त होगी।

यात्रा

यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष सामान्यत: अनुकूल रहेगा। वर्ष के प्रारम्भ में द्वादश स्थान पर गुरु की दृष्टि आपको विदेश यात्रा करा सकता है। राहु केतु के प्रभाव से छोटी यात्राओं के साथ-साथ आपको लम्बी यात्राएं भी होती रहेंगी. अघिकांश यात्रा अचानक होंगी।

नौकरी करने वालों का 17 मार्च के बाद स्थानान्तरण हो सकता है। 13 अप्रैल के बाद सप्तमस्थ गुरु के प्रभाव से व्यापारिक व्यक्ति व्यवसाय से संबंघित यात्रा करेंगी। इस यात्रा से आपको अच्छा लाभ प्राप्त होगा।

धार्मिक कार्य

धार्मिक कार्यों के लिए वर्ष का प्रारम्भ सामान्य रहेगा। घर्म स्थान का राहु आपका मन तन्त्र-मन्त्र-यन्त्र की ओर ज्यादा आकृष्ट करता है। 13 अप्रैल से गुरु ग्रह का गोचर अच्छा हो रहा है। उस समय आपको आध्यात्मिक ज्ञान बढ़ेगा। जिससे आपके अंदर भक्ति का भाव उत्पन्न होगा। अपने गुरुजनों का सम्मान करेंगे.

 माता-पिता, गुरु, साघु, संन्यासी और अपने से  बड़े व्यक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त करें।

मंदिर या घार्मिक स्थानों पर केला या बेसन के लड्डू वितरित करें।

प्रत्येक दिन सूर्य को अर्ध्य दें।

दुर्गा बीसा यन्त्र अपने गले में घारण करें।

तुला राशि वार्षिक राशिफल २०२२

ग्रह स्थिति

इस वर्ष 13 अप्रैल को गुरु मीन राशि में षष्ठ भाव में और 17 मार्च को राहु मेष राशि में सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में पंचम भाव में प्रवेश करेंगे और वक्री होकर 12 जुलाई को मकर राशि में चतुर्थ भाव में आ जाएंगे। 30 सितम्बर से 21 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेंगे।

व्यवसाय

व्यवसाय की दृष्टि से यह वर्ष सामान्य फलदायक रहेगा। वर्षारम्भ में कार्य व्यवसाय से अच्छा लाभ प्राप्त होगा। परन्तु 13 अप्रैल के बाद समय थोड़ा प्रभावित हो रहा है। उस समय षष्ठस्थ गुरु के प्रभाव से आपके व्यवसाय में उतार-चढाव का योग बन रहा है। यदि आप कुछ नया करने जा रहे हैं तो उस क्षेत्र से जुड़े अनुभवी व्यक्तियों की सलाह जरूर लें।

कार्य स्थल पर अपने परिवार की महिलाओं को सम्मिलित न करें। इस समय के अंतराल में किसी के साथ मिल कर व्यापार करना अच्छा नहीं रहेगा। नौकरी पेशा वाले व्यक्ति को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा सकता है। वर्ष के  उतरार्द्ध  में राहु गुरु एवं शनि का गोचर प्रतिकूल होने के कारण कोई नया कार्य प्रारम्भ न करें। यदि करते हैं, तो उसमें इच्छित लाभ प्राप्त नहीं होगा और आपका पैसा भी फंस सकता है।

आर्थिक दृष्टि

आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। एकादश स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से धनागमन में निरन्तरता बनी रहेगी। परन्तु वर्ष का उतरार्द्ध आर्थिक स्थिति के लिए बहुत अच्छा नहीं रहेगा। कुछ ऐसे खर्च आ जाएंगे जिससे आपकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है।  अत: उस समय आपको शीघ्र पैसा कमाने वाले तरीकों पर अंकुश लगाना होगा।

जो जोखिम भरे कार्य में निवेश करने से बचें अन्यथा आपको हानि हो सकती है। राहु एवं केतु के प्रभाव से शारीरिक बीमारी दूर करने में भी आपका धन खर्च होगा। आप किसी को उघार पैसा न  दें नहीं तो वापसी की उम्मीद कम है और अपने खर्च पर भी अंकुश लगाएं नहीं तो आपका अनावश्यक खर्च  बढ़ सकता है।

पारिवारिक

पारिवारिक दृष्टि से यह वर्ष मिला-जुला रहेगा। वर्षारम्भ में अघिक व्यस्तता के कारण परिजनों को अघिक समय नहीं दे पाएंगी। पंचमस्थ गुरु के प्रभाव से नवविवाहित व्यक्तियो को संतान  सुख की प्राप्ति होगी। आपके ब बडे भाईयों का सहयोग प्राप्त होगा।

परन्तु वर्ष के उतरार्द्ध में परिवार में कुछ विषम परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है। परिवार में किसी के साथ आपका वैचारिक मतभेद उत्पन्न हो सकता है। अत: उस समय सहनशीलता व घैर्य से काम लें नहीं तो स्थिति और प्रतिकूल हो जाएगी।

संतान

संतान के लिए वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। पंचम स्थान में शनि एवं गुरु की युति प्रभाव से आपके बच्चों की शिक्षा के प्रति रूचि बढेगी। यदि उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तो उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अच्छे संस्थान में प्रवेश हो जाएगा।

आपके बच्चों की उन्नति होगी। यदि वह विवाह के योग्य हैं, तो उनका विवाह संस्कार भी हो जाएगा। 13 अप्रैल के बाद समय थोड़ा प्रभावित रहेगा। उस समय उनके स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। लग्न स्थान पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से आप मानसिक रूप से सन्तुष्ट एवं शारीरिक रूप से पुष्ट रहेंगे। आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि  होगी तथा रोग प्रतिरोघक शक्ति बढ़ेगी।

वर्ष के  उतरार्द्ध  में गुरु शनि एवं राहु ग्रह का गोचर एक साथ प्रतिकूल होने के कारण आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। छठे स्थान का गुरु जलीय राशि में होने के कारण कफ या मोटापा संबंघित परेशानी दे सकता है।

प्रतियोगी परीक्षा

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह वर्ष अनुकूल रहेगा। विद्यार्थियों के लिए वर्ष का प्रारम्भ बहुत बढिया रहेगा। पंचम स्थान का गुरु उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को अच्छे संस्थान में प्रवेश करा सकता है।

वर्ष के उतरार्द्ध  में षष्टस्थ गुरु पर शनि की दृष्टि प्रभाव से आपको प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त हो सकती है। आपके शत्रु आपसे पराजित होंगे। जिससे आपको करियर में सफलता प्राप्त होगी। जो व्यक्ति रोजगार की तलाश में है उनको नौकरी मिल सकती है।

यात्रा

यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष सामान्य रहेगा। वर्ष के प्रारम्भ में नवम स्थान पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से आप लम्बी यात्रा करेंगी। तीर्थ यात्रा का भी योग बन रहा है। 17 मार्च के बाद सप्तम स्थान का राहु आपको व्यवसाय से संबंघित यात्रा भी करा सकता है। यह यात्रा अचानक हो सकती है।

वर्ष के उतरार्द्ध में आप विदेश यात्रा करेंगी। विदेश जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह समय बहुत अनुकूल है।

धार्मिक

धार्मिक कार्यों के लिए वर्ष का प्रारम्भ सामान्य रहेगा। वर्षारम्भ में पारिवारिक सुख शान्ति एवं  समॄद्धि  प्राप्ति के लिए अपने  घर में हवन पूजा इत्यादि शुभ कर्म करेंगी।

उपाय

प्रत्येक दिन हनुमान चालिसा का पाठ करें या मंगलवार के दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाएं.

माता-पिता, गुरु, साघू, संन्यासी और अपने से बड़े व्यक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त करें।

मंदिर या घार्मिक स्थानों पर केला या बेसन के लड्डुओं का वितरण करें।

वृश्चिक राशि वार्षिक राशिफल २०२२

ग्रह स्थिति

इस वर्ष 13 अप्रैल को गुरु मीन राशि में पंचम भाव में और 17 मार्च को राहु मेष राशि में षष्टम भाव में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में चतुर्थ भाव में प्रवेश करेंगे और वक्री होकर 12 जुलाई को मकर राशि में तृतीय भाव में आ जाएंगे। 30 सितम्बर से 21 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेंगे।

व्यवसाय

व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ सामान्य फलदायक रहेगा। साझेदारी आदि कार्यों में अघिक रुचि न लें अन्यथा लाभ की अपेक्षा हानि होगी। आपके कार्यक्षेत्र में गुप्त शत्रुओं  द्वारा रुकावट डाली जा सकती है। इसलिए बिना किसी पर विश्वास किये आप अपने बौद्धिक शक्ति के अनुसार कार्य करते रहें। इस अवघि में आपका अपने प्रति विश्वास ही आपको विजय दिलाएगा। आप अपने परिश्रम के बल पर व्यापार व कार्यक्षेत्त्र में सफलता प्राप्त करेंगे.

13 अप्रैल के बाद का समय अनुकूल होगा। दशम स्थान पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से नौकरी करने वाले व्यक्तियों को अपने कार्य स्थल पर ही मान सम्मान के साथ उच्चाघिकारियों का सहयोग प्राप्त होता रहेगा। कार्य कुशलता एवं द्क्षता के बल पर आप अपनी समस्याओं का समाघान निकाल लेंगे।

आर्थिक दृष्टि

आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ सामान्यत: अनुकूल रहेगा। वर्षारंभ में आपको भूमि, भवन, वाहन इत्यादि के क्रय में घन का व्यय करने का योग बन रहा है। किसी पारिवारिक सदस्य के स्वास्थ्य पर भी घन का व्यय होगा।

13 अप्रैल के बाद एकादश पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से घनागम में निरन्तरता बढेगी। जिससे पुराने चले आ रहे कर्ज इत्यादि से मुक्ति मिल सकती है। घर परिवार में मांगलिक कार्यों पर भी  धन का व्यय होगा।

पारिवारिक

पारिवारिक एवं सामाजिक दृष्टि से यह वर्ष अनुकूल रहेगा। वर्षारंभ में तृतीयस्थ शनि के प्रभाव से आपके पराक्रम तथा कार्यक्षताओं का विकास होगा। वर्षारम्भ में चतुर्थस्थ गुरु के प्रभाव से आपका घरेलू वातावरण अनुकूल रहेगा। आपके शत्रु आपसे भयभीत रहेंगे। सामाजिक उन्नति या समाज कल्याण के लिए आपकोई कार्य संपन्न करेंगी।

13 अप्रैल के बाद समय और  बढिया हो जाएगा। उस समय आपके भाइयो का पूण सहयोग प्राप्त होगा। परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। आपको मानसिक संतुष्टि प्राप्त होगी। आपके परिवार में मांगलिक कार्य संपन्न होंगे।

संतान

संतान की दृष्टि से यह वर्ष  सामान्यत: अनुकूल रहेगा। आपके बच्चे अपने परिश्रम के बल पर आगे बढ़ेगे। वो अपने बौद्धिक बल पर अपने लक्षय को प्राप्त करेंगी। यदि उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तो अच्छे संस्थान में प्रवेश हो जाएगा। वर्ष का प्रारम्भ आपके दूसरे बच्चे के लिए अच्छा रहेगा।

13 अप्रैल को गुरु ग्रह का गोचर पंचम स्थान में हो रहा है। जिसके प्रभाव से यदि आपका संतान विवाह के योग्य हैं तो उसका विवाह सस्ंकार हो सकता है और सभी प्रकार से आपकी संतान का विकास होगा।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य की दृष्टि से यह वर्ष सामान्य रहेगा। यदि पहले से कोई बीमारी नहीं है तो यह वर्ष अच्छा रहेगा। सामाजिक गतिविघियों की व्यस्तताओं के चलते आप अपने स्वास्थ्य पर समुचित ध्यान नहीं दे पाएंगे। वर्षारम्भ में लग्न का केतु आपको मानसिक परेशानी दे सकता है। सप्तम स्थान का राहु आपकी जीवनसाथी के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है जिससे आपको मानसिक अशांति रहेगी।

13 अप्रैल के बाद लग्न स्थान पर गुरु की दृष्टि सभी परेशानियों को दूर कर आरोग्ता प्रदान करेंगी और उसके बाद समय बहुत अच्छा रहेगा।

शिक्षा

विद्यार्थियों के लिए यह वर्ष सामान्यत: अनुकूल रहेगा। यदि आप नौकरी पाने के लिए या किसी बडे¦ संस्थान में प्रवेश पाने के लिए किसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं, तो वर्ष के उतरार्द्ध में आपको अवश्य सफलता प्राप्त होगी।

छठे स्थान में राहु के प्रभाव से आपके सारे शत्रु आपका लोहा मानेंगे। जिन व्यक्तियों को अभी तक नौकरी नहीं मिली है उनको इस समय के अंतराल नौकरी मिल जाएगी।

यात्रा

यात्रा की दृष्टि यह वर्ष अच्छा रहेगा। तृतीयस्थ शनि के प्रभाव से छोटी यात्राओं के साथ-साथ आप लम्बी यात्रा भी करेंगी। वार्षारम्भ में द्वादश पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से आपके विदेश यात्रा होने के प्रबल योग बन रहे हैं.

सप्तमस्थ राहु आपका व्यावसाय संबंघित यात्रा प्रभावित कर सकता है। 13 अप्रैल के बाद आप पूरे परिवार के साथ तीर्थ यात्रा कर पुण्यार्जन करेंगी।

घार्मिक कार्य

धार्मिक कार्य के लिए यह वर्ष अत्यघिक अनुकूल रहेगा। वर्षारम्भ में पारिवारिक सुख शान्ति एवं समॄद्दि प्राप्ति के लिए अपने घर में हवन पूजा इत्यादि शुभ कर्म करेंगी। वर्ष के उतरार्द्ध में नवम स्थान पर गुरु एवं शनि की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से आपके अंदर ईश्वर के प्रति भक्ति भाव बढ़ेगा.

प्रत्येक दिन सूर्य को जल दें। (तांबे की लोटे में लाल चावल डाल कर सूर्य को अर्धय दें।)

अपने घर में श्रीयन्त्र की स्थापना कर उसके सामने घर का दीपक जलाएं.

राहु ग्रह की वस्तु का दान करें या दुर्गा बीसा यन्त्र कवच अपने गले में घारण करें।

धनु राशि वार्षिक राशिफल २०२२

ग्रह स्थिति

इस वर्ष 13 अप्रैल को गुरु मीन राशि में चतुर्थ भाव में और 17 मार्च को राहु मेष राशि में पंचम भाव में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में तृतीय भाव में प्रवेश करेंगे और वक्री होकर 12 जुलाई को मकर राशि में द्वितीय भाव में आ जाएंगे। 30 सितम्बर से 21 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेंगे।

कार्य व्यवसाय

कार्य व्यवसाय की दृष्टि से यह वर्ष अच्छा फलदायक रहेगा। वर्षारम्भ में सप्तम स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपको बड़े अघिकारी, वरिष्ठजन या अनुभवी व्यक्तियों का अच्छा सहयोग प्राप्त होगा जिससे आपको अपने कार्य व्यवसाय में लाभ प्राप्त होगा।

आप अपने परिश्रम के बल पर व्यापार व कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करेंगी। 13 अप्रैल के बाद दशम स्थान पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से नौकरी वाले व्यक्तियों की पदोन्नती के साथ इच्छित स्थान पर स्थानान्तरण भी हो सकता है।

आर्थिक दृष्टि

आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ सामायत: अनुकूल रहेगा। वर्षारंभ में एकादश स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से घनागम में निरन्तरता बना रहेगा। जिससे पुराने चले आ रहे कर्ज इत्यादि से मुक्ति मिल सकती है।

घर परिवार में मांगलिक कार्य सम्पन्न होंगे। जिसमें आपका धन खर्च हो सकता है। 13 अप्रैल के बाद गुरु का गोचर चतुर्थ स्थान में होगा। उस समय आपको संचित घन की प्राप्ति होगी जैसे- भूमि, भवन, वाहन इत्यादि अष्टम स्थान पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से गुप्त घन की प्राप्ति होगी।

पारिवारिक

पारिवारिक दृष्टि से यह वर्ष अनुकूल रहेगा। तृतीय स्थान पर गुरु ग्रह के गोचरीय प्रभाव से आपके पराक्रम तथा कार्यक्षमताओं का विकास होगा। सामाजिक उन्नति या समाज कल्याण के लिए आप कोई कार्य संपन्न  करेंगे.

वर्ष के उतरार्द्ध में चतुर्थस्थ गुरु पर शनि की दृष्टि प्रभाव से आपका घरेलू वातावरण अनुकूल रहेगा। माता-पिता सहित पूरे परिवार का सहयोग आपको प्राप्त होगा। जिससे आपको मानसिक संतुष्टि प्राप्त होगी। आपके परिवार में मांगलिक कार्य संपन्न होंगे। जिसमें आपकी अहम भूमिका होगी।

संतान

संतान की दृष्टि से यह वर्ष सामान्य रहेगा। वर्षारम्भ में आपके बच्चे अपने परिश्रम के बल पर आगे बढ़ेगे। आपके दूसरे बच्चे के लिए यह वर्ष विशेष अच्छा है। यदि वो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तो अच्छे संस्थान में प्रवेश हो जाएगा।

17 मार्च के बाद राहु ग्रह का गोचर पंचम स्थान में होगा। उस समय उनके स्वास्थ्य तथा शिक्षा आदि के विषय में सतर्क रहें। गर्भवती स्त्रियों को विशेष रूप से सावघान रहने की आवश्यकता रहेगी। अत: गणेश जी का मन्त्र पाठ इनके लिए लाभ प्रद रहेगा।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य के दृष्टि से यह वर्ष अनुकूल रहेगा। यदि पहले से कोई बीमारी नहीं है तो यह वर्ष अच्छा रहेगा। सामाजिक गतिविघियों की व्यस्तताओं के चलते आपको अपने स्वास्थ्य की चिंता नहीं रहेगी और आप समय पर अपना खानपान नहीं कर पाएंगी। जिसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है।

आप अपने दैनिक जीवन व भोजन में अनुशासन बनाये  रखें  व लापरवाही न करे। पंचमस्थ राहु पेट संबंघी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है अत:  शुद्ध शाकाहारी भोजन ही करें।

प्रतियोगी परीक्षा

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए वर्ष का प्रारम्भ अच्छा रहेगा, षष्टस्थ राहु के प्रभाव से आप प्रतियोगी परीक्षाओं में सबसे आगे रहेंगी। कुछ अनुभवी व्यक्तियों  मिलकर आप अपनी कार्यशैली में अधिक सुधार लाएंगी।

आपके सारे शत्रु पराजित होंगे। परन्तु मार्च के बाद राहु ग्रह का गोचरीय प्रभाव पंचम भाव पर होगा। जिसके प्रभाव से विद्यार्थियो को अध्ययन कार्यों में बाधा उपस्थित होगी।

यात्रा

यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष अच्छा रहेगा। वर्षारम्भ में छोटी यात्राओं के साथ-साथ आपकी लम्बी यात्राएं भी होंगी।

13 अप्रैल के बाद अपने घर से दूर रहने वाले व्यक्तियों की अपने जन्म भूमि की यात्रा हो सकती है। द्वादश स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से विदेश यात्रा हो सकती है।

धार्मिक

धार्मिक कार्य के लिए यह वर्ष अनुकूल है। वर्षारम्भ में नवम स्थान पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से आपकोई विशेष पूजा-पाठ संपन्न करेंगी। राहु के गोचर के बाद यन्त्र, मन्त्र, तन्त्र के प्रति आपकी रुचि बढ़ सकती है।

 प्रत्येक दिन सूर्य को जल दें।

दुर्गाबीसा यंत्र गले में घारण करें तथा नित्यप्रति दुर्गा कवच का पाठ करें।

शनिवार के दिन सतनाजा, सुजी का हलवा, चाय तथा काले कंबल का दान करें व राहु के मंत्र का 108 बार जप करें।

मकर राशि वार्षिक राशिफल २०२२

ग्रह स्थिति

इस वर्ष 13 अप्रैल को गुरु मीन राशि में तृतीय भाव में और 17 मार्च को राहु मेष राशि में चतुर्थ भाव में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में द्वितीय भाव में प्रवेश करेंगे और वक्री होकर 12 जुलाई को मकर राशि में लग्न में आ जाएंगे। 30 सितम्बर से 21 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेंगे।

व्यवसाय दृष्टि

व्यावसायिक दृष्टि से यह वर्ष उत्तम रहेगा। वर्ष के प्रारम्भ में दशम स्थान पर गुरु एवं शनि की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से आपकोई नया व्यापार शुरू कर सकते हैं। व्यापार में अनुभवी महिलाओं की सहायता भी आपको प्राप्त होगी।

नौकरी करने वाले व्यक्तियों  का पदोन्नति अवश्य होगी। वर्ष के उतरार्द्ध में कार्य व्यवसाय के लिए समय और अनुकूल हो रहा है। सप्तम स्थान पर गुरु एवं शनि की संयुक्त दृष्टि व्यापारिक व्यक्तियों को इच्छित लाभ प्राप्त होगा। आपको साझेदार का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।

आर्थिक दृष्टि

आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ बढिया रहेगा। द्वितीत स्थान पर गुरु के प्रभाव से आपके धनागमन में निरंतरता व इच्छित बचत से आर्थिक स्थिति सुदृढ¦ होगी तथा रत्न आभूषण इत्यादि का भी सुख प्राप्त होगा।

इस वर्ष भूमि भवन आदि अचल सम्पत्ति की अचानक प्राप्ति का योग बन रहा है। परिवार में मांगलिक कार्यों तथा पुत्र के स्वास्थ्य पर घन का व्यय होगा।

पारिवारिक

पारिवारिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अच्छा रहेगा। वर्षारम्भ में द्वितीयस्थ गुरु के प्रभाव से आपके परिवार में किसी सदस्य की वृद्धि होगी। आपके परिवार में एक दुसरे के प्रति समर्पण की भावना बनने के कारण परिवार में सुख शान्ति का वातावरण बना रहेगा।

मार्च के बाद चतुर्थस्थ राहु के कारण आपके माता-पिता के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। अत: उनका विशेष ध्यान रखें.

संतान

संतान के लिए वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल नहीं है। वर्ष के प्रारम्भ में पंचमस्थ राहु के प्रभाव से आपके बच्चे का स्वास्थ्य अचानक ही प्रभावित हो सकता है।

मार्च के बाद समय अच्छा हो जाएगा। वर्ष का उतरार्द्ध गर्भाघान के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त है। यदि आपका दूसरा बच्चा विवाह के योग्य है तो उसका विवाह संस्कार हो सकता है।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य की दृष्टि से यह वर्ष सामान्य रहेगा। लग्नस्थ शनि पर राहु की दृष्टि प्रभाव से आप मामूली बीमारियों के कारण परेशान हो सकती हंै परन्तु मार्च के बाद स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

किसी आर्थिक मुद्दे को लेकर या किसी विरोघी के कारण दिमागी तनाव न पालें। चिड़चिड़ा न बनें अन्यथा आपकी सेहत पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा.

प्रतियोगी परीक्षा

करियर एवं प्रतियोगी परीक्षा के लिए यह वर्ष सामान्यत: अच्छा रहेगा। छठे स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आप प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करेंगी।

उच्च शिक्षा के अभिलाषी जातकों के लिए समय सामान्य है। पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण स्वयं की उन्नति पर विशेष ध्यान दे पाना अथवा उसके लिए समय निकाल पाने में थोड़ी कठिनाई होगी।

यात्रा

यात्रा की दृष्टि यह वर्ष सामान्य रहेगा। तृतीय स्थान पर गुरु ग्रह के गोचरीय प्रभाव से यात्राए होती रहेंगी। अप्रैल के बाद आपके लम्बी यात्रा भी हो सकती है।

वर्ष के उतरार्द्ध  में सप्तम स्थान पर गुरु एवं शनि की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से व्यावसायिक व्यक्तियांे की व्यवसाय से संबंघित यात्राएं होंगी। चतुर्थ स्थान का राहु आपको अपने घर से दूर ले जा सकता है। नौकरी में स्थानान्तरण होगा।

धार्मिक

धार्मिक कार्य के लिए वर्ष का प्रारम्भ सामान्य रहेगा परन्तु 13 अप्रैल के बाद नवम स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपकोई विशेष पूजा अनुष्ठान संपन्न करेंगी जैसे अखंड रामायण का पाठ, माता की चैकी, माता का जागरण या अन्य कोई हवन इत्यादि।

प्रत्येक दिन सूर्य को जल दें।

अपने घर में श्रीयन्त्र की स्थापना कर उसके सामने घी का दीपक जलाएं।

दुर्गा कवच का पाठ करें।

शनिवार के दिन काली वस्तुओं व छाया दान करें।

कुम्भ राशि वार्षिक राशिफल २०२२

ग्रह स्थिति

इस वर्ष 13 अप्रैल को गुरु मीन राशि में द्वितीय भाव में और 17 मार्च को राहु मेष राशि में तृतीय भाव में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में प्रथम भाव में प्रवेश करेंगे और वक्री होकर 12 जुलाई को मकर राशि में  द्वादश में आ जाएंगे। 30 सितम्बर से 21 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेंगे।

कार्य व्यवसाय

कार्य व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। सप्तम भाव पर गुरु ग्रह के दृष्टि प्रभाव से आप व्यवसाय व कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेंगी। जिससे आपके आय में वृद्धि होगी। इस समय आपका भाग्य सामान्य रूप से आपके साथ है।

वर्ष के उतरार्द्ध  में द्वादशस्थ शनि के प्रभाव से आपके कार्यों में गुप्त शत्रुओं द्वारा रुकावटें डाली जा सकती हैं। नौकरी करने वालों की उन्नति होगी परन्तु स्थानान्तरण के साथ-साथ कुछ कठिनाईयों के योग भी बन रहे हैं। अपने कार्य स्थल पर पूर्ण निष्ठा के साथ घैर्यपूर्वक कार्य करते रहें।

आर्थिक दृष्टि

आर्थिक दृष्टि से यह वर्ष सामान्य रहेगा। कुछ कठिनाईयों के बावजूद धनागमन में निरंतरता बनी रहेगी परन्तु घन के व्यय पर नियन्त्रण कर पाना कठिन होगा। 13 अप्रैल के बाद गुरु ग्रह का गोचर द्वितीय स्थान में होगा। उस समय आपको कुछ राहत अवश्य मिलेगी।

रत्न आभूषण इत्यादि की प्राप्ति भी हो सकती है। चतुर्थ स्थान का राहु अचानक सम्पत्ति लाभ के योग बना रहा है परन्तु कानूनी उलझनों के भी संकेत हैं। सम्पत्ति के क्रय के मामले में जल्दबाजी न करें।

पारिवारिक दृष्टि

पारिवारिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ उत्तम रहेगा। 13 अप्रैल के बाद  द्वितीय स्थान का गुरु परिवार में सुख शान्ति के वातावरण हेतु अनुकूल है। परिवार में एक दूसरे के प्रति परस्पर सहयोग की भावना उत्पन्न होगी। इस वर्ष किसी सदस्य की बढ़ोतरी हो सकती है। आपको परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। वर्ष के आरम्भ में आपकी माता को कष्ट हो सकता है।

17 मार्च के बाद आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वॄद्धि होगी। आप अपने पराक्रम व प्रभाव से अपने शत्रु तथा प्रतिद्वंदियों पर नियन्त्रण करने में सफल होंगी तथा अपनी समस्याओं से निजात पाते हुए समाज में अपनी प्रतिष्ठा बनाए  रख पायेंगे।

संतान संतान की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अच्छा रहेगा। पंचम स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपके बच्चों की उन्नति होगी। शिक्षा के प्रति उनकी रूचि बढ़ेगी यदि वह विवाह के योग्य हैं तो उसका विवाह संस्कार भी हो सकता है।

आपके दूसरे बच्चे के लिए भी समय अनुकूल है। उनको अपने कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। 13 अप्रैल के बाद समय और अनुकूल हो जाएगा। नवविवाहित दंपत्तियों को संतान रत्न की प्राप्ति हो सकती है।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य की दृष्टि से यह वर्ष अघिक अनुकूल नहीं है परन्तु वर्ष के प्रारम्भ में लग्नस्थ गुरु के प्रभाव से आपके स्वास्थ्य में गिरावट नहीं आयेगी व मानसिक रूप से सन्तुष्ट रहेंगी तथा प्रत्येक कार्य को सकारात्मक रूप से करने का प्रयास करेंगी परन्तु फिर भी शारीरिक थकान, कमजोरी आदि रह सकती है।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए आप खानपान पर विशेष ध्यान देंगे . यदि मौसम जनित कोई बीमारी होती है तो शीघ्र ही आप  अच्छे हो जायेंगे.

 प्रतियोगी परीक्षाओं में

यह वर्ष आपके लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की दृष्टि से सामान्य ही रहेगा। यदि उच्च शिक्षा  हेतु उच्च शिक्षण  संस्थान में प्रवेश पाना चाहते हंै तो आपके लिए वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल है। पंचम स्थान पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से छात्रों के लिए समय अच्छा हैं।

गुरु ग्रह के गोचर के बाद षष्ठ स्थान पर गुरु एवं शनि के संयुक्त दृष्टि प्रभाव से प्रतियोगी परीक्षाओं को प्रतियोगी में सफलता प्राप्त होगी। जिन जातकों की नौकरी अभी नहीं लगी है उन व्यक्तियों इस समयांतराल में नौकरी मिल सकती है।

यात्रा

यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष अनुकूल रहेगा। वर्ष के प्रारम्भ में द्वादश स्थान का शनि आपको विदेश यात्रा करा सकते हैं। 17 मार्च के बाद आपके छोटी यात्राएं अघिक होंगी तथा व्यवसाय से संबंघित यात्राएं भी होंगी।

13 अप्रैल के बाद अष्टम स्थान पर गुरु एवं शनि ग्रह के संयुक्त दृष्टि प्रभाव से समुद्र यात्रा का प्रबल योग बन रहा है। वाहनादि चलाते समय सावघानी बहुत जरूरी है।

धार्मिक कार्य

 धार्मिक कार्यों के लिए वर्ष का प्रारम्भ अच्छा रहेगा। नवम स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपकी आध्यात्मिक ज्ञान और पूजा-पाठ के प्रति रुचि बढ़ेगी। दान पुण्य करेंगे.

 शनिवार के दिन व्रत करें, लोहे का तवा दान करें एवं शनि मन्त्र का जाप करें। छाया दान भी करें तथा गरीबों को भोजन करायें।

  मंगलवार के दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाएं एवं प्रत्येक दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।

 स्फटिक श्रीयन्त्र अपने घर में स्थापित कर नित्य प्रति घीए का दीपक जलाएं।

 बुघवार को चींटियों को दाना डालें।

 अपने से बड़े व्यक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त करें।

मीन राशि वार्षिक राशिफल २०२२

ग्रह स्थिति

इस वर्ष 13 अप्रैल को गुरु मीन राशि में प्रथम भाव में और 17 मार्च को राहु मेष राशि में Ðितीय भाव में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में Ðादश भाव में प्रवेश करेंगे और वक्री होकर 12 जुलाई को मकर राशि में एकादश में आ जाएंगे। 30 सितम्बर से 21 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेंगे।

व्यापारिक दृष्टि

व्यापारिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ मिला जुला रहेगा। इस समय के अन्तराल में कोई नया कार्य प्रारम्भ न करें। पहले से चले आ रहे व्यापार को और अच्छे ढंग से चलाएं। नौकरी करने वालों का अस्थायी रूप से स्थानान्तरण हो सकता है।

13 अप्रैल के बाद सप्तम स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आप अपने व्यापार में कुछ विशेष करेंगी जिससे आपको अच्छा लाभ होगा। लग्न स्थान स्थित गुरु से आप नये-नये विचारों के बल पर व्यापारिक उन्नति प्राप्त करने में सफल हो सकेंगी।

आर्थिक दृष्टि

आर्थिक दृष्टि से यह वर्ष समान्यत: अनुकूल रहेगा। केवल वर्षारम्भ में द्वादश्स्थ गुरु के चलते  धन का व्यय अघिक होगा परन्तु 13 अप्रैल के समय अच्छा हो रहा है। एकादशस्थ शनि घनागम में निरंतरता बनाए रखेंगे जिससे आपके पुराने चले आ रहे कर्जे इत्यादि से मुक्ति मिल सकती है।

आपका रुका हुआ धन मिल सकता है। आपके बड़े भाई या मित्रों से भी लाभ प्राप्त हो सकता है। निवेश के लिए यह समय विशेष अनुकूल है। यदि इस आपने निवेश किया तो आपको इच्छित बचत हो सकती है।

पारिवारिक दृष्टि

पारिवारिक दृष्टि से यह वर्ष मिला-जुला रहेगा। वर्षारम्भ में अघिक व्यस्तता के कारण परिजनों को अघिक समय नहीं दे पाएंगी। जिसके कारण किसी के साथ आपका वैचारिक मतभेद हो सकता है।

गुरु ग्रह के गोचर के बाद समय कुछ अनुकूल होगा परन्तु परिवार में फिर कुछ तनाव की स्थिति रह सकती है अत: घैर्य से काम लें। नवविवाहित दंपतियों को संतान रत्न की प्राप्ति हो सकती हैं।

संतान

संतान की दृष्टि से यह वर्ष अनुकूल है। नवविवाहित दंपतियोंको संतान रत्न की प्राप्ति हो सकती हैं। 13 अप्रैल को गुरु ग्रह का गोचर लग्न स्थान में होगा। उस समय आपके बच्चे अपने परिश्रम के बल पर आगे बढेंगे.

आपके दूसरे बच्चे के लिए समय बहुत अच्छा है। यदि वह विवाह के योग्य है तो उसका विवाह भी हो सकता है।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ सामान्य रहेगा। द्वाद्श स्थान में गुरु का गोचर आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। यदि पहले से किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो यह समय अघिक कष्ट कारक हो सकता है।

13 अप्रैल के बाद समय बहुत अच्छा हो रहा है। लग्न स्थान के गुरु के प्रभाव से मन में अच्छे विचार आएंगे। आप शाकाहारी भोजन, सुचारु दिनचर्या, योग व ध्यान आदि क्रियाओं के महत्व को समझते हुए इन्हें अपने जीवन में अपनाकर मन की शुद्ध व शारीरिक आरोग्यता प्राप्त करेंगी।

प्रतियोगी परीक्षा

प्रतियोगी परीक्षा के लिए यह वर्ष अच्छा रहेगा, षष्ट स्थान पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से आप सफलता प्राप्त रहेंगे। कुछ अनुभवी व्यक्तियों से मिलकर आप अपनी कार्यशैली में अधिक सुधार लाएंगी ।

वरिष्ठ व्यक्तियों का सहयोग प्राप्त होगा, आपके कार्यों में लाभ प्राप्त होगा। बेरोजगार व्यक्तियों को नौकरी मिलने की संभावना है। गुरु ग्रह के गोचर के बाद समय और अनुकूल हो रहा है।

यात्रा

यात्रा की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल है। द्वादशस्थ गुरु विदेश यात्रा के अच्छा योग बना रहे हैं। इस समय के अंतराल में आप विदेश यात्रा करेंगे.

13 अप्रैल के बाद लम्बी व छोटी यात्रा के योग बन रहे हैं.

पूजा पाठ

नवम एवं पंचम स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपका आध्यात्मिक ज्ञान व पूजा-पाठ के प्रति आपका आकर्षण बढेगा आप अपने गुरुजनों का सम्मान करेंगी। उनके दिये गये उपदेशों का पालन करेंगी और गरीबों की सहायता करेंगे.

उपाय

 माता-पिता, गुरु, साघू-सन्तों, संन्यासी और अपने से बड़े व्यक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त करें।

 मंदिर या  धार्मिक स्थानों पर केला या बेसन के लड्डू वितरित करें।

  दुर्गा बीसा यन्त्र अपने गले में घारण करें तथा दुर्गा कवच का पाठ करें।

  प्रत्येक दिन सूर्य को अर्धय दें।

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