लखनऊ,। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने केन्द्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में कृषि की उपेक्षा की गयी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा किसानों को उनकी फसल पर लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा सुनिश्चित करायेगी।केन्द्र सरकार ने फसलों के समर्थन मूल्य के नाम पर मात्र 50 रूपये की बढ़ोत्तरी की गयी। साल भर में डीजल पेट्रोल के दाम आठ बार बढ़े। ओलावृष्टि व फसल तबाही के बाद किसानों को न तो मुआवजा मिला और न ही ऋण माफी की घोषणा की गयी। उल्टे केन्द्र सरकार छोटे व मझोले किसानों की जमीन हड़पने का षड़यन्त्र रच रही है। सचिन पायलट शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि कुछ पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुँचाने के लिए नरेन्द्र मोदी किसानों से उनकी सबसे बहुमूल्य जमीन छीनने पर उतारू हैं।मोदी सरकार का भूमि अधिग्रहण अध्यादेश 2015 ने उचित मुआवजा कानून 2013 के शरीर और आत्मा की हत्या कर डाली। यह अध्यादेश अब वास्तव में किसान के लिए जीवन अधिग्रहण अध्यादेश बन गया है।सरकार बनने से पहले कृषि की विकास दर 4.7 प्रतिशत थी अब मात्र 1 प्रतिशत रह गयी है। सरकार में आज पूरी ताकत एक व्यक्ति के पास केन्द्रित है। मोदी सत्ता का एकीकरण कर शासन चलाना चाहते हैं। सरकार के मंत्री घुटन महसूस कर रहे हैं। कारपोरेट घरानों को फायदा पहुँचाने के लिए इनकम टैक्स में पांच प्रतिशत की कमी की गयी।विपक्ष में रहते हुए भाजपा एफडीआई,न्यूक्लियर डील के विरोध में रही आज समर्थन कर रही है। दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ और साक्षी महाराज जैसे नेता नफरत पैदा कर समाज में धु्रवीकरण का खौफनाक खेल खेल रहे हैं। एलओसी पर पाक की तरफ से फायरिंग जारी है। चीन ने अरूणांचल प्रदेश को आज तक भारत का हिस्सा नहीं माना है।पूर्व केन्द्रीय मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वचछ भाारत अभियान के बजट में भी कटौती की गयी। पहले 15 हजार करोड़ रूपये जारी किये गये थे इस बार मात्र छह हजार करोड़ ही जारी किये गये।