Home राजनीति नगर निगम डूबा कर्ज में और कर वसूली का लक्ष्य अधूरा

नगर निगम डूबा कर्ज में और कर वसूली का लक्ष्य अधूरा

महाकोशल की सबसे बड़ी नगर निगम कर्ज के बोझ में डूबी है । पर राजस्व विभाग कर वसूली में अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं । एक तो नगर निगम को करोंडों रूपये का कर्ज चुकाना है, उपर से बिजली, स्वास्थ्य, सफाई, जलपूर्ति और अग्निशमन पर खर्चों ने नगर सत्ता का बजट बिगाड़ दिया है । २०१४-१५ में निगम अपने कर वसूली के लक्ष्य डेढ़ अरब तक नहीं पहुंच सका । वसूली के मामले में राजस्व महकमा २३ करोड़ से पीछे रह गया । जबकि इस वर्ष एडीबी सें लिए गए ऋण की किस्त १५ करोड़ और हुडक़ो से लिए ऋण की किस्त १२ करोड भी चुकाना है ।

निगम को २०२९ तक स्टा्म वाटर डे्नेज परियोजना के लिए लिया गया ऋण की राशि १३ करोड़ ७२ लाख रूपये भी चुकाना है । इसके अलावा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरना के लिए प्राप्त ऋण की किस्त ४ करोड ८१ लाख ४८ हजार रूपये भी चुकाना है । निगम कर दाताओं से जल कर और सुपत्ति कर की बड़ी राशि नहीं वसूल पा रहा है । निगम के राजस्व विभाग को जल कर के १ अरब ५ करोड़ रूपये वसूलना है । जबकि संपत्तिकर के १ अरब २ करोड वसूलना है। निगम अधिकारियों का कहना है जिन कर दाताओं से कर वसूली नहीं हो पा रही है। उनमें ज्यादातर ने या तो न्यायलय में अपील कर रखा है । जबकि बड़ी संख्या में करदाता ऐसे भी हैं, जिनके घरों में संपत्ति विवाद होने के कारण कर वसूली नहीं हो पा रही है।

 

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