नई दिल्लीः दारुल उलूम देवबंद ने महिलाओं को लेकर एक बार फिर फतवा जारी किया है। फतवे में महिलाओं के नखूनों पर लगाई जाने वाली नेल पॉलिश को गैर इस्लामिक बताया है। दारुल उलूम के मुफ्ती इशरार के मुताबिक, फतवा उन महिलाओं के लिए है जो सजने संवरने के लिए नाखूनों पर नेल पॉलिश लगाती हैं या उन्हें किसी भी तरह रंगती हैं। ये इस्लाम के खिलाफ है। इस्लाम में महिलाओं को नाखूनों पर केवल महेंदी लगाने की बात कही गई है। महिलाएं नेल पॉलिश नहीं लगा सकतीं।

क्यों जारी हुआ फतवा: मुजफ्फरनगर जिले के गांव तेवड़ा निवासी मोहम्मद तुफेल ने दारुल उलूम देवबंद के पूछा था कि क्या औरतें शादी में जाते समय या फिर शौकियाई नेल पॉलिश लगा सकती हैं। क्या मर्द या औरत के लिए नाखून बढ़ाना जायज है। इस संबंध में तुफेल ने उलूम के इफ्ता विभाग को लिखित पत्र लिखकर जानकारी मांगी थी।

सशर्त नेल पॉलिश लगाने की इज़ाजत : मोहम्मद तुफेल के सवालों को जवाब में दारुल उलूम के इफ्ता विभाग ने कहा, महिलाओं को सशर्त उंगलियों का श्रंगार करने की इजाजत है। संस्था से पूछे गए सवाल में मुफ्ती-ए-कराम ने कहा कि महिलाएं उंगलियों पर रंगबिरंगी नेल पालिश लगा सकती हैं। लेकिन जिस पर नमाज फर्ज है, उसे नमाज से पूर्व नेल पॉलिश उतारनी होगी। साथ ही मुफ्तियों की खंडपीठ ने कहा कि औरत या मर्द को नाखून का बढ़ाना मकरुह है।

मुफ्ती-ए-कराम की खंडपीठ ने शरीयत के हवाले से कहा है कि औरत के लिए नेलपॉलिश लगाने की गुंजाइश है, लेकिन शर्त यह है कि उसमें कोई नाजायज चीज न मिली हो। मुफ्तियों की खंडपीठ ने कहा कि नमाज और गुसल से पूर्व लगी नेलपॉलिश की जमी पर्त को साफ करना अनिवार्य है। क्योंकि उक्त पर्त जमी होने से नमाज के लिए वजू और गुसल नहीं हो पाता। इसलिए इसे साफ करना आवश्यक है। नाखून बढ़ाने पर मुफ्ती-ए-कराम ने कहा कि मर्द व औरत दोनों के लिए ही नाखून बढ़ाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि चालीस दिन के बाद भी नाखून न काटना मकरुह है।