कानपुर : आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा का गठबंधन ने बीजेपी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। इसी मुसीबत की काट ढूढने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत कानपुर में हैं। इस दौरान जनता के मूड समझने की कोशिश करेंगे। इसके साथ ही वो अपने दिवंगत साथी कांशीराम को श्रद्धांजलि देने उनके घर भी जाएंगे। शनिवार सुबह वो मोहन भागवत सेन्ट्रल स्टेशन पर उतरे।
आपको बता दें कि और जिस तरह से कानपूर में काम हुआ उससे कानपुर में बीजेपी की मुश्किलें कम नहीं हैं। यहां कांग्रेस अपना वर्चस्व बनने की कोशिश में लगी है। आपको बता दें कि कानपुर के सांसद डॉ मुरली मनोहर जोशी से पहले यह सीट श्रीप्रकाश जायसवाल के पास थी इसलिए कांग्रेस की नजरें इस सीट पर हैं।वर्ष 2014 में मोदी लहर के बीचमुरली मनोहर जोशी ने यहां बड़ी जीत हासिल की थी। बीजेपी दोबारा इस सीट पर कब्ज़ा करने की कोशिश में लगी में लगी है। बीते 27 अप्रैल 2018 को गृहमंत्री राजनाथ सिंह अपने अध्यात्मिक गुरु से मिलने के लिए कानपुर आए थे। राजनाथ सिंह ने ताजा हालात की जानकारी ली थी अब मोहन भागवत जनता से रूबरू होने पहुंचे।भागवत इस सीट पर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। सपा और बसपा के गठबंधन को जवाब देने के लिए उन्हें काफी मजबूती के साथ चुनाव लड़ना होगा वरना गोरखपुर और फूलपुर की तरह यह सीट भी जाती रहेगी।

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