नई दिल्ली: भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान इन दिनों बड़े आर्थिक संकटों से घिरता जा रहा है। एक ओर पाक में धीरे-धीरे गृहयुद्ध जैसा माहौल बन रहा है। वहीं अमेरिका सहित कई बड़े देशों ने उसे फंडिग करना बंद कर दिया है। ऐसे में उसे सिर्फ चीन का ही सहारा दिख रहा है। हालांकि चीन हमेशा ही अपनी पैनी नजर और तेज बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए पाक को कर्ज देता है, लेकिन इस बार चीन का दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है।दरअसल, पाकिस्तनान ने भुगतान असंतुलन संकट टालने के लिए चीन से कर्ज देना जारी रखने को कहा है। यही नहीं पाक ने चीन को चेतावनी भी दी है कि यदि बीजिंग ऐसा नहीं करता है तो दक्षिण एशिया में 60 अरब डॉलर का निवेश खतरे में पड़ जाएगा।पाकिस्तान के सरकारी अधिकारियों के फाइनेंशियल टाइम्स को बताया है कि पाकिस्तान ने जून 2018 के अंत में ही चीन से 4 अरब डॉलर का नया कर्ज लिया था और वह चाहता है कि चीन उसे अभी और कर्ज देता रहे, जिससे कि उसे IMF के पास मदद मांगने ना जाना पड़े। अगर पाकिस्तान को IMF की शरण लेने को मजबूर किया गया तो फिर उसे सीपीईसी परियोजना की फंडिंग की सारी जानकारी सार्वजनिक करनी पड़ेगी।