नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से रूह कंपा देने वाली एक घटना सामने आई है। यहां हमेशा पूजा-पाठ में मगन रहने वाले छात्र का शव संदिग्ध अवस्था में गांव में ही स्थित दुर्गा मंदिर के अंदर पाया गया। युवक का गला पीछे से कई स्थानों से कटा हुआ था और मंदिर परिसर में चारों और खून ही खून बिखरा हुआ था। परिजन व ग्रामीणों ने युवक द्वारा स्वयं बलि दिए जाने की बात बताई गई। इकलौते पुत्र की मौत के बाद माता-पिता का रो रो कर बुरा हाल है। घटना दरियाबाद थाना क्षेत्र के उटवा गांव की है।

बच्चों की सूचना पर गांव मे मचा कोहराम :
उटवा गांव मे जन्माष्टमी का कार्यक्रम चल रहा था। सोमवार की देर रात को जन्माष्टमी का कार्यक्रम देखकर बच्चे करीब डेढ़-दो बजे वापस लौट रहे थे तो गांव में बने छोटे से दुर्गा मंदिर में कराहने के साथ आवाजें सुन सभी ठिठक गए। अंधेरे में मंदिर के अंदर बच्चों ने देखा कि कोई जमीन पर पड़ा तड़फ रहा है। इसे देखकर बच्चे जोर-जोर से चिल्लाने लगे। आवाज सुनकर काफी संख्या में ग्रामीण एकत्र हुए। ग्रामीणों ने मन्दिर का गेट खोलकर युवक को निकाला। कुछ देर तक युवक तड़फा और फिर प्राण निकल गए। ग्रामीणों ने टार्च की रोशनी मे युवक को देखा तो सभी के मुह से निकला कि अरे यह तो अनिरुद्ध है। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुँचे अनिरुद्ध के पिता स्वामी नाथ यादव व उसकी मा बदहवाश हो गई।

खुद की बलि चढ़ाने की बात पर जुटे हजारों लोग :
भोर में उटवा गांव में युवक द्वारा खुद को बलि करने की बात जंगल में आग की तरह चारों ओर फैल गई। फिर क्या था देखते ही देखते हजारों की संख्या में ग्रामीण मंदिर पर पहुंचने लगे। ग्रामीणों व परिजनों ने बताया कि जेबीएस कालेज दुल्हदेपुर में बीए की पढ़ाई करने वाला अनिरुद्ध हमेशा पूजा-पाठ करता रहता था। उक्त दुर्गा मंदिर की देखभाल भी वही करता था। रोजना वहां पर भोर में चार-पांच बजे साफ-सफाई व पूजा के लिए आता था। हाल ही मे उसने बिना अन्न खाए एक वर्ष से कर रहे व्रत का परायण कर भण्डारे का आयोजन किया था। जिस मन्दिर मे उसने खुद की बलि दी उसमे घन्टो बैठकर पूजा करता रहता था। ग्रामीणों ने बताया कि रविवार को पूर्णमासी थी, इसलिए उसने खुद की बलि चढ़ा दी।