एकल ने शिक्षा-संस्कार के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इसके साथ ही समाज को स्वावलंबन का पाठ भी पढ़ाया है। कोरोना काल में जब पूरा विश्व महामारी से प्रभावित था, भारत में समाज की ताक़त ने इस बीमारी को हराया है। 40 करोड़ भारतवासियों तक एकल की पहुँच और महामारी से बचाव ने मानवता की मिसाल पेश की है। यह कहना था वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा का। वे एकल श्री हरि सत्संग समिति के रजत जयंती महोत्सव के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अभी जहाँ विकास की रोशनी ही नहीं पहुँच पाई वहाँ एकल ने शिक्षा के ज़रिए अलख जगायी है।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्री राम बहादुर राय ने कहा कि एकल ने अपने ध्येय वाक्य को साकार किया है। महात्मा गांधी के सपनों का भारत सही मायनों में एकल ने बनाया है। गांधीजी का स्वप्न एकल का सपना बना है। उन्होंने कहा कि 1 लाख एकल गाँव सत्ता के चार केंद्रों का प्रतिरूप हों। उन्होंने एकल अभियान को शुभकामनाएं देते हुए उसके उत्तरोत्तर प्रगति की कामना भी की।

द्वितीय सत्र के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार श्री सुधीर चौधरी ने एकल अभियान को अद्वितीय बताते हुए कहा कि एकल ने समाज को एकाकार कर असंभव को संभव किया है। उन्होंने एकल में नवाचारों को महत्व देने की बात करते हुए कहा कि अब आने वाली पीढ़ी को एकल से जोड़ना महत्वपूर्ण है और मुझे आशा है कि संगठन इस कार्य को पूर्ण करेगा।

वरिष्ठ पत्रकार श्री अंशुमान तिवारी ने एकल को समाज जीवन की गीता बताते हुए कहा कि शिक्षा पद्धति में विज्ञान और चरित्र का समावेश ही सही शिक्षा है। इसे शासन से दूर रखना चाहिए। सही मायने में शिक्षा समाज के हाथों में ही रहना चाहिए।

कार्यक्रम में सिद्धार्थ शंकर गौतम द्वारा लिखित पुस्तक स्वराज का शंखनाद-एकल अभियान का विमोचन भी हुआ। श्री बजरंग बागड़ा ने एकल श्री हरि सत्संग समिति की कार्य योजना पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में श्री हरि सत्संग समिति के कथाकारों की फ़िल्म का प्रदर्शन हुआ।

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