नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने एक सख्त शपथ-पत्र दायर कर सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह कांग्रेस और उसके नेताओं के बताए तरीकों के अनुसार देश में चुनाव कराने के लिए कतई बाध्य नहीं है। कांग्रेस नेता कमलनाथ की याचिका का कड़ा विरोध करते हुए चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को दायर शपथ-पत्र में कहा है कि वह एक संवैधानिक संस्था है। उसे नियमों तथा कानून के अनुसार काम करना है न कि किसी नेता या राजनीतिक दल के निर्देशों के अनुसार।

आयोग ने कहा कि यह याचिकाकर्ता या उसकी पार्टी के क्षेत्राधिकार में नहीं आता कि वह चुनावों के संचालन के लिए उठाए कदमों पर सवाल उठाए। कमलनाथ तथा उनकी पार्टी बार-बार एक ही मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट आकर आयोग के काम में हस्तक्षेप कर रहे हैं। कमलनाथ और कांग्रेस यह आग्रह नहीं कर सकते कि चुनाव आयोग को एक निश्चित तरीके से चुनाव करवाने का निर्देश दिया जाए।

आयोग ने कहा कि कमलनाथ की याचिका दिग्भ्रमित और दुभावनापूर्ण है, क्योंकि वह चाहते हैं कि आयोग उनकी व्यक्तिगत मंशाओं के चुनाव करवाए। आयोग को किसी व्यक्ति या दल के सभी सुझाव स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। आयोग ने कहा कि वोटिंग मशीनों की भारी कमी का आरोप बेहद अवांछित है। साथ ही यह कहना कि मशीनों को एक पार्टी के पक्ष में वोट प्राप्त करने के बनाया गया है, बेहद झूठा, मनगढ़ंत और सख्ती से खारिज करने योग्य है। आयोग ने कोर्ट से आग्रह किया कि ऐसी याचिका को भारी जुर्माना लगाकर खारिज करना चाहिए।