नई दिल्लीः अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के कथित साथी जबीर मोती को गुरुवार को दूसरी बार ब्रिटेन की अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया। हालांकि पाकिस्तान सरकार ने उसे ”अच्छे चरित्र का इंसान बताया था।

लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स अदालत में मोती के प्रत्यर्पण के मामले की सुनवाई के दौरान पाकिस्तानी उच्चायुक्त साहिबजादा आफ्ताब अहमद खान की ओर से भेजा पत्र न्यायाधीश को दिया गया। पत्र में मोती की जमानत का समर्थन किया गया था, जिसे खारिज करते हुए अदालत में मामले की अगली सुनवाई 19 अक्टूबर मुकर्रर की है। ब्रिटेन की अदालत में मोती को डी कंपनी के वरिष्ठ सदस्य और शीर्ष सहयोगी बताया गया।

जबीर मोती अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद का दायां हाथ माना जाता है और उसके विदेशों में फैले कारोबार को संभालता था। इसकी हिरसात के बाद उम्मीद जताई गई थी कि अब दाऊद से जुड़ी कई अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं।

जबीर के पास से बरामद हुए एक पासपोर्ट के मुताबिक वह पाकिस्तान का नागरिक है। मोती मिडिल ईस्ट, ब्रिटेन, यूरोप, अफ्रीका सहित कई अन्य देशों में भी दाऊद का काम संभालता था। उसे लंदन के हिल्टन होटल से हिरासत में लिया गया। बता दें कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान के कराची में रहता है।

पाकिस्तानी नागरिक और 10 साल के वीजा पर ब्रिटेन में रह रहे जबीर मोती और दाऊदी की पत्नी महजबीन, बेटी महरीन और दामाद जुनैद (पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद का बेटा) के बीच वित्तीय लेनदेन की जांच के बाद जबीर को हिरासत में लिया गया था। जबीर पाकिस्तान, मिडल ईस्ट, यूके और यूरोप, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में दाऊद के काम को देखता था।

इन देशों में व्यवसायों से होने वाली कमाई और अन्य गैरनकानूनी गतिविधियों जैसे अवैध हथियार बेचना, नशीले पदार्थों का व्यापार, रियल एस्टेट व्यापार, उगाही से होने वाली कमाई का इस्तेमाल भारत विरोधी अभियानों को अंजाम देने के लिए आतंकवादियों के वित्तपोषण में किया जाता है।