नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूह की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में लगभग सवा दो करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और उनमें से ज्यादातर लड़कियां हैं।

ह्यूमन राइट वॉच ने इस सप्ताह ‘मैं अपनी बेटी को भोजन दूं, या उसे पढ़ाऊं: पाकिस्तान में बालिकाओं की शिक्षा में अड़चनें’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई 2018 में चुन कर आई नई सरकार ने अपने चुनाव घोषणापत्र में कहा था कि सवा दो करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।

खासतौर पर लड़कियां ज्यादा प्रभावित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में प्राथमिक विद्यालय जाने की उम्र वाली 32 फीसदी बालिकाएं स्कूली शिक्षा से वंचित हैं। जबकि इस मामले में लड़कों का प्रतिशत 21 है। छठी कक्षा तक 59 फीसदी लड़कियां स्कूलों से बाहर हो जाती हैं। नौवीं कक्षा तक सिर्फ 13 फीसदी लड़कियां ही स्कूली शिक्षा जारी रख पाती हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में पाकिस्तान ने अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.8 फीसदी से भी कम शिक्षा पर खर्च किया। इसमें कहा गया है कि राजनीतिक अस्थिरता, सुरक्षा बलों का सरकार पर अनुचित प्रभाव, मीडिया और नागरिक समाज का दमन, हिंसक चरमपंथ और नस्ली एवं धार्मिक तनाव पाकिस्तान की मौजूदा सामाजिक स्थिति को प्रभावित कर रहे हैं। इन सब से लड़कियां ही सर्वाधिक प्रभावित हुई हैं।