नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को सिंगापुर में 13वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया और एक शांत एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिये देश की प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने सम्मेलन के सदस्य देशों के बीच बहुपक्षीय भागीदारी तथा आर्थिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में संबंधों का विस्तार किए जाने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री मोदी पांचवीं बार पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस शिखर सम्मेलन की 2005 में शुरुआत होने के बाद से ही भारत इसमें भाग ले रहा है।

मोदी ने ट्वीट किया, ”पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में मैंने सदस्य देशों के बीच बहुपक्षीय तालमेल तथा आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को विस्तृत करने के बारे में अपने विचार साझा किया। मैंने शांत एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिये भारत की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।

इसके सदस्य देशों में 10 आसियान देश इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम, म्यांमा, कंबोडिया, ब्रुनेई और लाओस के साथ ही ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और अमेरिका शामिल हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शांत, खुला एवं समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र, मजबूत होते समुद्री सहयोग और संतुलित क्षेत्रीय विस्तृत आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) का भारतीय दृष्टिकोण दोहराया।

मोदी ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन रीट्रीट से पहले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे समेत अन्य देशों के नेताओं के साथ बातचीत की। इसके बाद सभी नेता पारंपरिक सामुहिक तस्वीर के लिये खड़े हुए।