नई दिल्ली: जस्टिस रंजन गोगोई आज देश के चीफ जस्टिस पद की शपथ लेंगे. इसी के साथ वो भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश बन जाएंगे. जस्टिस गोगोई का कार्यकाल 13 महीने का होगा. इसके साथ ही वो पूर्वोत्तर से इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले चीफ जस्टिस बन जाएंगे. असम में नागरिकता रजिस्टर बनाने का फैसला जस्टिस गोगोई ने ही दिया था.जस्टिस गोगोई की छवि एक बेहद सख्त और ईमानदार जज की है. उनकी सख्त छवि उस वक्त और उभरकर सामने आई, जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू को अवमानना के एक मामले में कोर्ट में तलब कर लिया.
जस्टिस काटजू ने केरल के सौम्या बलात्कार कांड में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बेहद तल्ख लहज़े में आलोचना की थी. इस मामले में दोषी गोविंदसामी को कोर्ट ने सिर्फ रेप का दोषी माना था. हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया था. फैसले के बाद काटजू ने इसे देने वाले जजों की समझ पर सवाल उठाए थे.जस्टिस गोगोई ने इसे अदालत की अवमानना की तरह लिया और काटजू को कोर्ट में पेश होने के लिए नोटिस जारी कर दिया. इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब सुप्रीम कोर्ट का कोई पूर्व जज कोर्ट में इस तरह से पेश हुआ हो. हालांकि, बाद में वकीलों की दरख्वास्त पर जस्टिस गोगोई ने काटजू को चेतावनी देकर जाने दिया.