नई दिल्लीः रूस से टकराव बढ़ने के बीच यूक्रेन की संसद ने सोमवार को देश के सीमावर्ती इलाकों में मार्शल लॉ लगाने को मंजूरी दे दी। यूक्रेन ने यह कदम ऐसे समय उठाया, जिससे पहले उसके तीन जहाजों और 23 नौसैनिकों को रूस ने पकड़कर अपने कब्जे में ले लिया।

यूक्रेन संसद में मतदान :
गहन चर्चा के बाद यूक्रेन के 276 सांसदों ने 30 दिन के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में मार्शल लॉ लगाने के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। पोरोशेंको पूरे देश में मार्शल लॉ लगाना चाहते थे। लेकिन विपक्षी सांसदों के विरोध के कारण इसे सीमावर्ती क्षेत्रों तक सीमित रखा गया। मार्शल लॉ उन सीमावर्ती इलाकों में लगाया जा रहा है जहां रूस के हमले की आशंका है। सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा गया है। हालांकि पोरोशेंको ने कहा कि इसका मतलब युद्ध की घोषणा नहीं है।

रूसी कदम के बाद निर्णय :
यूक्रेन ने मार्शल लॉ लगाने का फैसला तब किया, जब उसके तीन जहाजों को 23 नौसैनिकों समेत रूसी बलों ने रविवार को जब्त कर लिया। रूस ने आरोप लगाया कि कीव के जहाज अजोव सागर में क्रीमिया के तट के पास अवैध तरीके से रूसी जल क्षेत्र में प्रवेश कर रहे थे। रूस ने लगे हाथ कर्च स्ट्रेट जलमार्ग पर अपना टैंकर खड़ा कर उसको अवरुद्ध कर दिया।

संघर्ष नए स्तर पर पहुंचा :
मतदान से पहले पोरोशेंको ने कहा कि रूस लंबे समय से दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष को दूसरे स्तर पर ले गया है। उन्होंने मॉस्को पर आक्रामक बर्ताव करने का आरोप लगाया। यूक्रेन के विदेश मंत्री पावलो क्लिकिन ने कहा, यह रूसी संघ की ओर से यूक्रेन के खिलाफ हमले का सुनियोजित कृत्य है। इस बीच, रूस के सरकारी टेलीविजन चैनलों पर समुद्र में टकराव को लेकर यूक्रेन के जहाजों की जब्ती के बाद बंधक बनाए गए यूक्रेनी नाविकों की तस्वीरें भी प्रसारित की गईं। इसमें रूसी अधिकारियों को उनसे पूछताछ करते दिखाया गया।