नई दिल्ली:सतलोक आश्रम के प्रमुख रामपाल पर आज हिंसा के मामले में फैसला आ सकता है. नवंबर 2014 में रामपाल के सतलोक आश्रम में हिंसा हुई थी. हिंसा में 6 महिलाओं और एक बच्चे की मौत हो गई थी. पुलिस रामपाल को गिरफ्तार करने पहुंची थी जिसके बाद उसके समर्थकों ने हिंसा की थी.
हिंसा की आंशका के मद्देनजर कड़े सुरक्षा इंतजाम
पुलिस नहीं चाहती कि राम रहीम के फैसले के दिन पंचकुला में जो हुआ वो हिसार में हो. प्रशासन को अंदेशा है कि आज रामपाल के समर्थक कोर्ट परिसर, सेंट्रल जेल, लघु सचिवालय, टाउन पार्क और रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर जमा हो सकते हैं.
फैसले से पहले हरियाणा के हिसार को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. पुलिस लगातार फ्लैग मार्च कर रही है. इलाके में धारा 144 लागू है. हिसार जिले में आने वाली सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं. वहीं सुरक्षा के लिहाज से रेवाड़ी से आने वाली ट्रेनों को भी रोक दिया गया है, ताकि रामपाल के समर्थक ट्रेनों के जरिये हिसार में प्रवेश ना कर सकें.
स्वंयभू संत रामपाल की ‘राम कहानी’
स्वंयभू संत रामपाल का हरियाणा में काफी असर है. दावा है कि उनके लाखों अनुयायी हैं. खुद को कबीरपंथी बताने वाले रामपाल स्वयं को परमेश्वर का एक रूप बताता है. रामपाल संत का चोला पहनने से पहले हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर था.