नई दिल्ली:एपीजे अब्दुल कलाम के कार्यकाल के बाद अब मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रमाजन के मौके पर राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी देने की रवायत पर ब्रेक लगा दिया है। इससे पहले एपीजे अब्दुल कलाम के कार्यकाल 2002-07 में भी यहां इफ्तार का आयोजन करने से मना कर दिया था।
इसके पीछे तर्क यह दिया गया था कि जो पैसा इस तरह की धार्मिक पार्टियों के आयोजन पर खर्च किया जाना है, उसे यदि गरीब परिवारों के बीच बांटा जाए तो ये बेहतर रहेगा।वहीं मौजूदा समय में राष्ट्रपति कोविंद ने इफ्तार पार्टी के आयोजन से इनकार के पीछे यह कहा कि राष्ट्रपति भवन धर्मनिरपेक्ष राज्य की अभिव्यक्ति करता है।यही वजह है कि गवर्नेंस और धर्म के मामलों को अलग रखा गया है।करदाताओं के पैसे को किसी धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन में खर्च नहीं किया जाएगा।बता दें कि करदाताओं के पैसों से होने वाली इन धार्मिक पार्टियों पर लंबे समय से बहस चल रही है। तेलंगाना में भी सरकार एक भव्य इफ्तार पार्टी आयोजित करने जा रही है, जिसके खिलाफ विरोध के स्वर सुनाई देने लगे हैं।

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