नई दिल्लीः शुक्रवार से शुरू हुई बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की दो दिवसीय मीटिंग के पहले दिन सीलिंग का मुद्दा छाया रहा। प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के गोकलपुर में सीलिंग तोड़े जाने के खिलाफ किसी ने खुलकर कुछ नहीं कहा। बैठक के पहले दिन दिल्ली के 7 में से 4 सांसद नदारद रहे। मनोज तिवारी के अलावा केवल मीनाक्षी लेखी और डॉ. उदित राज ही मीटिंग में मौजूद थे।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस बात पर चिंता जरूर जताई कि पार्टी सीलिंग के खिलाफ है और उसे रुकवाने की कोशिश भी कर रही है, लेकिन जनता तक यह मेसेज सही तरीके से पहुंचाने में पार्टी के लोग नाकाम हो रहे हैं। इस मुद्दे पर एक मजबूत रणनीति बनाकर आगे बढ़ने को लेकर नेताओं ने काफी देर चर्चा की। पार्टी और संगठन से जुड़े दूसरे मुद्दों पर भी विचार-विमर्श हुआ।

पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल सीलिंग पर पार्टी के प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों और नेताओं के रवैये को लेकर सबसे ज्यादा नाराज दिखे। उन्होंने नेताओं की जमकर खिंचाई भी की। उन्होंने कहा कि यहां बैठे तमाम पदाधिकारी सीलिंग पर चर्चा और बहस तो बहुत कर रहे हैं, लेकिन सीलिंग रुकवाने को लेकर वे ऐसा कोई ठोस सुझाव या उपाय सामने लेकर नहीं आए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग सीलिंग से त्रस्त हैं और उन्हें राहत दिलाने के लिए उन लोगों के साथ सड़कों पर उतरना होगा। उन्होंने इस बात को लेकर चिंता जताई कि आने वाले चुनावों में यकीनन इसका असर देखने को मिलेगा।