
केरल में राजनीतिक हत्याओं को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज यहां माकपा कार्यालय तक एक मार्च का नेतृत्व किया और आरोप लगाया कि “हिंसा की राजनीति” वामपंथियों के स्वभाव में है। उधर, वाम दल ने इसकी आलोचना की।
केरल में “वाम नृशंसता” को रेखांकित करने के लिए भाजपा के अभियान ‘जन रक्षा यात्रा’ का नेतृत्व करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि दक्षिणी राज्य में जहां माकपा नीत सरकार का शासन है, वाम कार्यकर्ता भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या कर रहे हैं तथा उन्हें आतंकित कर रहे हैं।
शाह ने मध्य दिल्ली के कनाट प्लेस से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर गोल मार्केट इलाके में स्थित माकपा मुख्यालय तक एक मार्च का नेतृत्व किया। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी, केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्नथानम और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से पार्टी के विभिन्न सांसद भी इस जुलूस में शामिल थे। शाह ने अपने संबोधन में कहा कि डराने-धमकाने की कोई भी सीमा, वाम-शासित राज्य में कमल (भाजपा का चुनाव चिन्ह्) को खिलने से रोक नहीं सकती।
उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं की ज्यादातर हत्याएं उनके गृह जिले में हुई हैं।
शाह ने कहा, “केरल में जब से वाम दल सत्ता में आया है, तब से भाजपा और संघ (आरएसएस) के कई कार्यकर्ताओं की हत्याएं हुई हैं। यह हत्याएं बेहद नृशंस तरीके से की गई हैं, शवों को टुकड़ों में काटा गया है। यह भाजपा का समर्थन करने वाले लोगों को धमकाने के लिए किया गया है कि उनके साथ भी ऐसा ही किया जाएगा। लेकिन वह हत्या का जितना गंदा खेल खेलेंगे, कमल उतना ही बेहतर खिलेगा।” शाह ने विजयन पर निशाना साधते हुए कहा कि हत्याओं में वृद्धि के लिए पूरी तरह से वह जिम्मेदार हैं और ऐसी अधिकतर हत्याएं मुख्यमंत्री के गृह जिले में हुयी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हिंसा की राजनीति उनके (वामपंथियों) स्वभाव में है। यह संयोग नहीं है कि राजनीतिक हत्याओं की अधिकतर खबरें पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और केरल से आयी हैं जहां वामपंथी लंबे समय तक सत्ता में रहे हैं। वे जहां कहीं भी सत्ता में रहे हैं, उन्होंने राजनीतिक संस्कृति को हिंसा में बदल दिया है।’’ शाह ने ‘जन रक्षा यात्रा’ की शुरुआत केरल के कन्नूर जिले में तीन अक्तूबर को की थी। इसका समापन 17 अक्तूबर को तिरुवनंतपुरम में होगा।
( Source – PTI )