मोदी ने ‘इंटेन्सिफाइड मिशन इंद्रधनुष’ अभियान शुरू किया
मोदी ने ‘इंटेन्सिफाइड मिशन इंद्रधनुष’ अभियान शुरू किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के वडनगर से आज सघन टीकाकरण अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा टीका से रोके जाने योग्य किसी बीमारी से पीड़ित नहीं होना चाहिये।

‘इंटेन्सिफाइड मिशन इंद्रधनुष’ या आईएमआई के जरिये सरकार दो साल से कम उम्र के हर बच्चे और गर्भवती महिलाओं तक पहुंचना चाहती है जो अब तक नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में कवर नहीं हो सके हैं।

वक्तव्य में कहा गया कि आईएमआई के तहत सात दिवसीय टीकाकरण अभियान अब से जनवरी 2018 तक 173 जिलों और 17 शहरों में चलाया जाएगा। इन जिलों में आठ पूर्वोत्तर राज्यों के 52 जिले और 16 अन्य राज्यों के 121 जिले शामिल हैं।

इस कार्यक्रम के तहत चुनिंदा जिलों और शहरों में खराब प्रदर्शन वाले क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।

कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘किसी भी बच्चे को टीके से बचाने योग्य बीमारी से पीड़ित नहीं होने दिया जाना चाहिये।’ प्रधानमंत्री गुजरात की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। अपनी यात्रा के दूसरे दिन उन्होंने मेहसाणा जिले में अपनी जन्मस्थली वडनगर में आज एक रोडशो किया। वहां रास्ते पर उनका अभिवादन करने के लिये बड़ी संख्या में लोग कतारों में खड़े थे।

वक्तव्य में कहा गया कि कार्यक्रम में जिलों और शहरों में टीकाकरण कवरेज में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा ताकि 2020 की बजाय दिसंबर 2018 तक पूर्ण टीकाकरण के लिये 90 फीसदी कवरेज सुनिश्चित किया जा सके।

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने वडनगर में जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज का भी उद्घाटन किया और सामुदायिक स्वास्थ्य अभियान के लिये नवोन्मेषी मोबाइल फोन प्रौद्योगिकी (आईमटेको) शुरू किया ताकि समुदाय आधारित मातृत्व, नवजात और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के कवरेज में सुधार किया जा सके।

जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज में रोजाना 400 से 500 बाहरी मरीजों और 80 से 100 ऐसे मरीजों का उपचार किया जाता है जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाता है।

मोदी ने सरकार की कई स्वास्थ्य देखभाल पहल की भी सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘स्टेंट की कीमतों का नियमन करने से देश के एक बड़े हिस्से को काफी मदद मिली है। इससे मध्यम आय समूह और गरीब परिवारों की स्वास्थ्य देखभाल की लागत कम हुई है।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की सफलता पर संतोष जताया। इसके तहत निजी चिकित्सक सरकारी चिकित्सकों के साथ मिलकर हर महीने की नौ तारीख को गर्भवती महिलाओं को मुफ्त एएनसी सेवाएं प्रदान करने के लिये स्वेच्छा से सेवा देते हैं।

( Source – PTI )

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