छत्तीसगढ़ विधानसभा में लगभग 19 घंटे तक चर्चा के बाद रमन सिंह मंत्रिमंडल के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव 10 मतों से गिर गया।
विधानसभा में राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके मंत्रिमंडल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई थी। सदन में शुक्रवार को दोपहर 12 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई जो शनिवार सुबह सात बजे तक चली। चर्चा के बाद मत विभाजन में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 38 तथा विपक्ष में 48 मत प्राप्त हुए। विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव 10 मतों से गिर गया। राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के 49, कांग्रेस के 39 तथा बहुजन समाज पार्टी का एक और एक निर्दलीय सदस्य हैं।
सदन में हुई लंबी चर्चा और विपक्ष द्वारा लगाए गए विभिन्न आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि यह विपक्ष द्वारा लाया गया एक कमजोर अविश्वास प्रस्ताव है और इसमें ऐसे पुराने मुद्दे उठाए गए हैं जिन्हें कई बार दोहराया जा चुका है।
सिंह ने कहा कि राज्य सरकार पिछले 14 वर्षों से लगातार राज्य में विकास कार्य कर रही है। इस विकास का साक्षी न केवल रायपुर बल्कि राज्य के सभी 27 जिले हैं।
सिंह ने कहा कि राज्य को डिजिटल राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार कई कदम उठा रही है। भारत नेट परियोजना के तहत केंद्र ने छत्तीसगढ़ को 1624 करोड़ रूपए की मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि भारत नेट परियोजना के तहत राज्य के सुदूर दक्षिण में आदिवासी बहुल बीजापुर जिले से उत्तरी छत्तीसगढ़ के जिले बलरामपुर तक और पूर्व में रायगढ़ जिले से पश्चिम में राजनांदगांव जिले तक संचार क्रांति का विस्तार होगा।
उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के लिए राज्य सरकार द्वारा बस्तर नेट परियोजना की शुरूआत की गई है। इस परियोजना के अंतर्गत बस्तर अंचल में छत्तीसगढ़ सरकार आठ सौ किलोमीटर आप्टिकल फाइबर नेटवर्क का विस्तार कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य में सूचना क्रांति योजना के तहत अगले आठ महीने में राज्य के 45 से 50 लाख लोगों को मुफ्त स्मार्ट फोन दिया जाएगा। योजना के लिए राज्य में डेढ हजार मोबाइल टावर भी खड़े किए जा रहे हैं।
चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा अगस्ता हेलीकाप्टर खरीद और पनामा पेपर का मामला उठाने पर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि अगस्ता का मामला अदालत में है तथा कांग्रेस को भी इसके फैसले का इंतजार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष के पास इन मामलों में कुछ अन्य जानकारी है तो वह जांच एजेंसी का मुहैया करा सकती है।
सिंह ने कहा कि राज्य की जनता ने लगातार तीन बार उनकी सरकार पर भरोसा जताया है और कांग्रेस लगातार पंद्रह वर्षों से विपक्ष में है। वह (कांग्रेस) अगले 15 वर्ष तक और विपक्ष में रहेंगे।
इससे पहले अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में विपक्ष के नेता टीएस सिंहदेव ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने किए गए वादों को पूरा नहीं कर राज्य की जनता से धोखा किया है। वहीं राज्य में भ्रष्टाचार भी बढ़ा है।
रमन सिंह सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष ने 168 बिंदुओं पर आरोप लगाए हैं ।
विपक्ष के नेता ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि इन 14 वर्ष में राज्य की स्थिति खराब हो गई है। सरकार कई मोर्चे पर विफल साबित हुई है।
उन्होंने अगस्ता हेलीकाप्टर खरीद और पनामा पेपर मामले पर भी सरकार की खिंचाई की और कहा कि इन घोटालों के सामने आने के बाद राज्य सरकार ने जनता का विश्वास खो दिया है। इसके साथ ही सिंहदेव ने राज्य में वन, खनिज और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति को लेकर सरकार को घेरा।
अविश्वास प्रस्ताव पर हुई लंबी चर्चा तथा मत विभाजन के बाद विधानसभा अध्यक्ष गौरी शंकर अग्रवाल ने सदन की कार्रवाई को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया ।
( Source – PTI )