
जब दलित पादरी न्याय की मांग काे लेकर आंदोलन कर रहे हैं ताे उस समय, इस महत्वपूर्ण क्षण में पांडिचेरी-कुड्डालोर के आर्चबिशप एंटनी आनंदनार बिमारी का बहाना बना कर दो महीने की छुट्टी पर चले गए हैं। तमिलनाडु पीसीएलएम के संयोजक नरेश पी. अंबेडकर ने दलित ईसाईयों को आह्वान किया है कि वह उनको दबाकर रखने वाली कैथोलिक चर्च की नीतियों का बहिष्कार करे। अंबेडकर ने कहा कि हमें चर्च व्यवस्था में अपनी संख्या के मुताबिक अपने लिए डायवर्सिटी आंदोलन चलाना होगा, क्योंकि चर्च व्यवस्था में हमें भीख नहीं अपने अधिकार पाने के लिए लड़ना हाेगा।
तमिलनाडु के पांडिचेरी-कुड्डालोर बिशप हाउस में विरोध प्रदर्शन कर रहे दलित पादरियों के समर्थन में कैथोलिक ईसाई समुदाय सामने आने लगा है। चर्च के भीतर भेदभाव का सामना कर रहे 30 दलित पादरी पिछले दाे सप्ताह से आर्चबिशप हाउस के बाहर अपने लिए चर्च के अंदर समान -अधिकाराें की मांग काे लेकर विराेध – प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्होंने मांग की कि आर्चडयसिस में, जाति के आधार पर भेदभाव और अस्पृश्यता के सभी रूपों को खत्म करने के लिए बातचीत की जानी चाहिए।
दलित ईसाई कार्यकर्ता, एम मैरी जॉन ने कहा कि ये कैथोलिक पादरी केवल समानता के अधिकार के लिए लड़ रहे हैं और उनकी मांग जायज है। कयाेंकि दलित ईसाई दशकों से चर्च के साथ-साथ सभ्य समाज में भेदभाव का सामना कर रहे हैं और हमारी मांग है, कि चर्च व्यवस्था में हमारे साथ सम्मान पूर्वक व्यवहार किया जाए। हमारा विरोध शांतिपूर्ण है और हम चाहते हैं कि जातिगत भेदभाव प्रथाओं को खत्म करने के लिए विशेष रूप से दलित पादरियाें की नियुक्ति में डायोसिस प्रशासन पारदर्शी रवैया अपनाए।
जब दलित पादरी न्याय की मांग काे लेकर आंदोलन कर रहे है ताे उस समय, इस महत्वपूर्ण क्षण में पांडिचेरी-कुड्डालोर के आर्चबिशप एंटनी आनंदनार बिमारी का बहाना बना कर दो महीने की छुट्टी पर चले गए हैं। इस आचडायसिस के अंतर्गत 110 पैरिश (चर्च ) और कई शैक्षिक संस्थान एवं स्कूल हैं। लेकिन कम से कम 42 महत्वपूर्ण स्थानों पर, दलित पादरियाे काे अब तक नियुक्त नहीं किया गया है, क्योंकि ये दलित पादरियाे के लिए अछूत स्थान माने जाते हैं। पांडिचेरी आर्चडयसिस में 75 प्रतिशत दलित ईसाई है इसके वाबजूद चर्च व्यवस्था में वह शाेषण और उतपीड़न का शिकार हैं।
तमिलनाडु पीसीएलएम के संयोजक नरेश पी. अंबेडकर ने दलित ईसाईयों को आह्वान किया है कि वह उनको दबाकर रखने वाली कैथोलिक चर्च की नीतियों का बहिष्कार करे। नरेश अंबेडकर ने कहा कि हमें चर्च व्यवस्था में अपनी संख्या के मुताबिक अपने लिए डायवर्सिटी आंदोलन चलाना होगा, क्योंकि चर्च व्यवस्था में हमें भीख नहीं अपने अधिकार पाने के लिए लड़ना हाेगा।