दशहरे पर रावण के पुतले न फूंकने की अपील करते हुए विजयादशमी के पर्व पर आज यहां सैकड़ों लोगांे ने अपनी 46 वर्ष पुरानी परंपरा के मुताबिक दशानन की पूजा की। रावण भक्तों के स्थानीय संगठन ‘जय लंकेश मित्र मंडल’ के अध्यक्ष महेश गौहर ने ‘पीटीआई.भाषा’ से कहा, ‘‘हमने दशहरे के दिन को रावण मोक्ष दिवस के रूप में मनाया। हमने रावण का मंदिर भी बनवाया है जहां मंत्रोच्चार और यज्ञ.हवन के साथ उनकी मूर्ति की पूजा की गयी।’’ उन्होंने बताया कि दशहरे पर परदेशीपुरा क्षेत्र में रावण के मंदिर में आरती हुई, कन्याओं का पूजन किया गया और रावण भक्तों को खीर का प्रसाद भी बांटा गया।
गौहर के मुताबिक रावण भक्तों का संगठन वर्ष 1970 से यहां दशहरे के मौके पर सार्वजनिक रूप से ‘दशानन पूजा’ करता आ रहा है जो हिंदुओं की प्रचलित धार्मिक मान्यताओं से एकदम उलट है।
उन्होंने कहा, ‘‘रावण भगवान शिव के परम भक्त और प्रकांड विद्वान थे। लिहाजा हम लोगों से विनम्र अपील करते हैं कि दशहरे पर जगह.जगह रावण के पुतलों का दहन बंद किया जाये।’’
( Source – पीटीआई-भाषा )