
देश भर के 192 गांवों में पिछले हफ्ते 25 से 31 जुलाई, 2016 के बीच दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत बिजली पहुंचाई गई। विद्युतिकरण किए गए गांवो में असम के 10, बिहार- 2, झारखंड- 24, मध्य प्रदेश- 2, मेघालय- 123, नगालैंड- 3, ओडिशा-15, राजस्थान-07 उत्तर प्रदेश-05 और उत्तराखंड का एक गांव शामिल हैं। देश भर के गांवों में जारी विद्युतीकरण के काम में हो रही प्रगति की जानकारी https://garv.gov.in/dashboard से भी प्राप्त की जा सकती है।
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्र को दिए संबोधन पर अमल करते हुए भारत सरकार ने 1000 दिन के भीतर यानी 01 मई, 2018 तक शेष 18,452 गैर-विद्युतीकृत गांवों में विद्युतीकरण करने का फैसला किया है। इस परियोजना को अभियान के रूप में शुरू किया गया है और विद्युतीकरण की रणनीति में कार्यान्वयन की अवधि 12 महीनों में सीमित करना तथा गांवों के विद्युतीकरण की प्रक्रिया को निगरानी के लिए निश्चित समयावधि सहित 12 स्तरों में विभाजित किया गया है।
अब तक 9,326 गांवों का विद्युतीकृत किया जा चुका है। शेष 9,126 गांवों में से 501 गांवों में कोई बसावट नहीं हैं। 5,694 गांवों तक ग्रिड के माध्यम से बिजली पहुंचाई जानी है, भौगोलिक बाधाओं के कारण 2,638 गांवों तक ऑफ ग्रिड के माध्यम से बिजली पहुंचाई जानी है तथा 293 गांवों का विद्युतिकरण स्वयं राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
अप्रैल, 2015 से 14 अगस्त, 2015 तक 1654 गांवों का विद्युतिकरण किया गया और सरकार द्वारा मिशन मोड में पहल किए जाने के बाद 15 अगस्त, 2015 से 31 जुलाई 2016 तक 7,672 अतिरिक्त गांवों का विद्युतिकरण किया गया।
इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ग्राम विद्युत अभियंता (जीवीए) के जरिए बारीकी नजर रखी जा रही है और नियमित अंतराल पर कई अन्य कदम उठाए जा रहे हैं, जैसे आरपीएम बैठक के दौरान मासिक आधार पर प्रगति की समीक्षा और उन गांवों की सूची को भी राज्य की बिजली कंपनियों से साझा किया जा है जहां विद्युतीकरण की प्रकिया जारी है। साथ ही ऐसे गांवों की भी पहचान की जाती है, जहां विद्युतीकरण की प्रक्रिया देरी से चल रही है।