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जहरीली हवा की चपेट में दिल्ली; स्कूल बंद, निर्माण कार्य रोके गए

जहरीली हवा की चपेट में दिल्ली; स्कूल बंद, निर्माण कार्य रोके गए
जहरीली हवा की चपेट में दिल्ली; स्कूल बंद, निर्माण कार्य रोके गए

दिल्ली में वायु प्रदूषण आज खतरनाक स्तर तक पहुंच गया और स्थिति को भांपते हुए शहर के सभी स्कूलों को रविवार तक के लिए बंद कर दिया गया तथा निर्माण कार्यों और शहर में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। इस दौरान आज दिन भर शहर पर धुंध की चादर पसरी रही और लोग दमघोंटू धुएं से बचने के लिए मशक्कत करते रहे।

उप राज्यपाल अनिल बैजल ने ये कदम उठाने संबंधी पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) फैसले को स्वीकृति प्रदान की। जिस बैठक में बैजल ने इस फैसले को मंजूरी प्रदान की उसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए।

ईपीसीए ने एक बयान में कहा कि सम-विषम योजना के क्रियान्वयन को लेकर फैसला कल किया जाएगा।

दिल्ली में आपात स्थिति से निपटने के लिए शहर में प्रशासन ने मोर्चा संभाला तो दूसरी तरफ अस्पतालों में आने वाले सांस संबंधी मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस स्थिति को 1952 में लंदन के ‘ग्रेट स्मॉग’ की तरह माना जा रहा है।

पिछले साल दिवाली के बाद दिल्ली इसी तरह के धुंध की स्थिति का सामना किया था और यह हालत करीब एक सप्ताह तक रही थी।

शहर में धुंध की चादर हर तरफ पसरी रही और कई स्थानों पर तो दृश्यता शून्य के करीब पहुंच गई। शहर में हवा की गुणवत्ता और भी खराब हो गई।

दिल्ली सरकार ने ऐलान किया कि ‘असहनीय’ वायु प्रदूषण की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में सभी स्कूल रविवार तक बंद रहेंगे।

मेट्रो और दिल्ली नगर निगम ने निजी वाहनों पर निर्भरता कम करने के लिए ट्रेनों और बसों के फेरे बढ़ाने का फैसला किया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शहर में प्रदूषण का स्तर कम करने के कदमों पर चर्चा करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा में अपने समकक्षों के साथ बैठक करने की आज इच्छा जताई।

उच्चतम न्यायालय से अधिकार प्राप्त ईपीसीए की सदस्य सुनीता नारायण ने कहा कि स्कूलों को बंद करने जैसे अस्थायी कदमों से बहुत उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कड़े फैसलों के क्रियान्वयन में ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी’ की आलोचना की।

उप राज्यपाल ने नगर निगमों और दिल्ली मेट्रो जैसी एजेंसियों को निर्देश दिया कि ईपीसीए की ओर से किए फैसलों को सख्ती से लागू किया जाए। ईपीसीए ने पार्किंग शुल्क चार गुना बढ़ाने के लिए कहा है।

बहरहाल, यह फैसला किया गया कि मेट्रो किराये में अस्थायी तौर पर कटौती नहीं करेगी क्योंकि व्यस्त और कम व्यस्त अवधि के लिए किराये की अलग अलग दर है।

जहरीले धुएं के प्रभाव को कम करने के इरादे से शहर की सरकार ने आज एक स्वास्थ्य हिदायत जारी कर दिल्ली वासियों से एक दूसरे की कार का साझा इस्तेमाल करने, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने, अपने – अपने घरों में ही रहने और धूम्रपान नहीं करने को कहा।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 अंकों के स्तर में 487 तक पहुंच गया। यह इस बात का संकेत है कि प्रदूषण की स्थिति ‘गंभीर’ है जो सेहतमंद लोगों को भी प्रभावित कर सकती है तथा बीमार लोगों पर ‘गंभीर प्रभाव’ डाल सकती है।

अगर वायु गुणवत्ता 500 के स्तर तक पहुंच जाती है तो फिर ‘ग्रेडेड रिस्पांस ऐक्शन प्लान’ (जीआरएपी) के तहत सम-विषम और निर्माण कार्यों पर रोक संबंधी कदम तत्काल उठाए जा सकते हैं।

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने पीटीआई-भाषा से कहा कि सरकार सम-विषम योजना को फिर से लागू करने की तैयारी में है तथा शहर की सड़कों पर और बसें उतारने के इंतजाम किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हवा की गुणवत्ता अत्यधिक गंभीर होती है तो दिल्ली में हम सम-विषम योजना लागू करेंगे। मैंने डीटीसी को निर्देश दिया कि मार्च तक के लिए 500 और बसों का इंतजाम किया जाए।’’ दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने कहा कि 186 अतिरिक्त फेरे लगाए जाएंगे, लेकिन उसने किराये कम करने के संदर्भ में कुछ नहीं कहा।

ईपीसीए ने कल स्पष्ट किया था कि उसके आदेश कानूनी रूप से बाध्यकारी हैं और संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों की ओर से जारी किए जाने के बाद ये प्रभावी हो जाएंगे।

पर्यावरण मंत्रालय ने जनवरी में राज पत्र अधिसूचना के जरिए ईपीसीए को अधिकार दिया था कि वह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ‘ग्रेडेड रिस्पांस ऐक्शन प्लान’ (जीआरएपी) को लागू करा सकती है।

भू विज्ञान मंत्रालय में सचिव माधवन राजीवन ने कहा कि दिल्ली में धुंध स्थानीय मामला नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण क्षेत्र में फैल गई है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति अभी अगले दो-तीन दिन तक रहेगी।

प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए शहर में बहुत सारे लोग मॉस्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। धुंध की वजह से दिल्ली यातायात पुलिस ने वाहन चालकों से कहा है कि वे तेज गति से वाहन नहीं चलाएं और ड्राइविंग के समय अपने मोबाइल फोन बंद कर लें।

यातायात पुलिस ने अपने परामर्श में कहा कि लोग वाहन से निकलने से पहले मौसम पूर्वानुमान पर ध्यान दें तथा घनी धुंध की स्थिति में अपनी यात्रा विलंब से शुरू करें।

( Source – PTI )