चुनाव आयोग की चुनौती के दौरान माकपा ईवीएम को हैक करने का प्रयास नहीं करेगी लेकिन पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए एहतियाती उपाय बरतने का सुझाव देगी।
आयोग की तीन जून को होने वाली हैकिंग चुनौती से पहले माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने ये टिप्पणी की। हाल में हुए चुनावों के दौरान मशीन से छेड़छाड़ के आरोपों के जवाब में चुनाव आयोग ने यह चुनौती दी है।
येचुरी ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि वामपंथी दल चुनावों के दौरान ईवीएम में वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल :वीवीपीएटी: का प्रयोग करने की वकालत करता है।
वीवीपीएटी एक ऐसी मशीन है जो वोट डालने के बाद पार्टी के चुनाव चिह्न के साथ स्लिप जारी करती है। स्लिप एक बक्से में गिरती है लेकिन मतदाता इसे अपने साथ नहीं ले जा सकता।
माकपा और राकांपा दो ही विपक्षी दल हैं जिन्होंने चुनाव आयोग की चुनौती में हिस्सा लेने पर सहमति जताई है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम यह नहीं कह रहे हैं कि हम इसे :ईवीएम: हैक करंेगे बल्कि हम आयोग से कहेंगे कि कौन से एहतियाती उपाय किए जा सकते हैं।’’ मार्क्सवादी नेता ने आश्चर्य जताया कि इस चुनौती को ‘‘हैकाथन’’ क्यों कहा जा रहा है।
चुनाव आयोग के मुख्यालय निर्वाचन सदन में तीन जून को सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे के बीच हैकिंग चुनौती का आयोजन होगा।
( Source – PTI )