
मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य इलाकों के प्रमुख गणेश मंडलों में स्थापित भगवान गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन आज सुबह से आरंभ हो गया।
गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए आज यहां बड़ी संख्या में भक्त एकत्रित हुये हैं। शहर में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन की शुरुआत गणेश गल्ली मंडल और लालबागचा राजा की गणेश प्रतिमाओं से की गयी। त्योहार के दौरान यहां लाखों श्रद्धालु जुटे थे। यह गणेश उत्सव 25 अगस्त को शुरू हुआ और आज ‘अनंत चतुर्दशी’ पर समाप्त हो रहा है।
मध्य मुंबई के लाल बागचा राजा पंडाल की गणेश प्रतिमा के विसर्जन से पहले अनेक भक्तों ने यहां मछुआरों के पारंपरिक कोली नृत्य का प्रदर्शन किया।
सोलापुर में भक्तों ने गणेश मूर्तियों को अपने घरों से निकाला और उन्हें यहां सिद्धेश्वर झील में विसर्जित कर दिया।
गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन गणेश उत्सव के अंत का प्रतीक है। बाल गंगाधर तिलक ने लोगों में देशभक्ति और ब्रिटिश राज से लड़ने का जज्बा पैदा करने और इसके लिए लोगों को एकजुट करने के लिए इस उत्सव का प्रारंभ किया था । पुलिस ने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर करीब 7,600 गणेश प्रतिमायें स्थापित की गयी थीं, जबकि घरों में एक लाख से ज्यादा प्रतिमाएं स्थापित हुयी थीं, जिन्हें आज विसर्जित कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गणेश की छोटी प्रतिमाओं को पहले विसर्जित किया जाएगा, जबकि इसके बाद लालबागचा राजा जैसी बड़ी प्रतिमाओं को दक्षिण मुंबई में गिरगांव चौपाटी के करीब अरब सागर में विसर्जित किया जाएगा।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी), पुलिस, तटरक्षक बल और नौसेना ने प्रतिमाओं का सुचारू एवं सुरक्षित विसर्जन सुनिश्चित करने के लिये विस्तृत व्यवस्था की है।
गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के प्रमुख स्थान गिरगांव चौपाटी, जुहू समुद्र तट, पवई झील, दादर चौपाटी, मात जेटी और मलाड में इसके लिए उचित प्रबंध किये गये हैं।
बीएमसी ने भक्तों से किसी भी सहायता के लिये अधिकारियों को सूचित करने की अपील की है।
पुलिस ने विसर्जन वाले स्थानों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है और राज्य रिजर्व पुलिस बल की कंपनियों को भी तैनात किया है।
( Source – PTI )