
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि परिवार और समाज को लड़कियों को जीवन में आगे बढ़ने के अवसर चुनने का मौका देना चाहिए। उन्हें अपना करियर संवारने और शादी के समय के बारे में स्वयं निर्णय लेने के अधिकार देना चाहिए।
राजे ने आज यहां फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन के दूसरे दिन एक सत्र में प्रश्नों के जवाब देते हुए कहा कि लड़कियों को यदि शिक्षा मिल जाए तो वे अपना ये अधिकार और सम्मान पा सकती हैं। स्कूल, कार्यस्थल और आम जीवन में लिंग भेद को दूर करने का भी यही तरीका है कि लड़कियां लड़कों के साथ भेदभाव के बिना पढे़ं और आगे बढे़ं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान डिजिटल दौर में लड़कियों के लिए आगे बढ़ने के असीमित मौके हैं, लेकिन इन्हें हासिल करने के उन्हें अच्छी शिक्षा लेनी होगी और कुशल बनना होगा। बालिकाओं को सःशक्त बनाने के लिए उनके अभिभावकों और समाज सभी को साथ जुटना होगा।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के स्कूलों में स्वच्छता, शौचालयों, सेनेटरी नेपकिन और पानी की उपलब्धता की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि बालिकाओं की उपस्थिति बढ़ाने और उनकी पढ़ाई को सुचारू रखने के लिए राज्य सरकार ने इस दिखा में गंभीर प्रयास किए हैं और उनके सार्थक परिणाम भी मिलने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि मासिक धर्म जैसी प्राकृतिक शारीरिक क्रिया के चलते लड़कियों को स्कूल से छुट्टी करने की नौबत न आए, इसके लिए सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से सेनेटरी नेपकिन मशीनें उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बालिकाओं को पढ़ो लिखो और स्वस्थ रहो का संदेश दिया तथा लड़कों से उनके प्रति सकारात्मक सोच रखने और सम्मान देने की अपील की।
राजे ने कहा कि स्कूलों के समानीकरण, अध्यापकों के समुचित प्रस्थापन और विद्यालयों में शैक्षिक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बाद हमने प्रत्येक ग्राम पंचायत पर कम से कम एक सर्वसुविधा युक्त उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित किया है। इसके बाद सरकारी विद्यालयों की ओर न केवल विद्यार्थियों बल्कि अभिभावकों का भी रूझान बढ़ा है।
( Source – PTI )