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घुसपैठ और तस्करी को रोकने के लिए सुंदरवन में लगेंगे इंफ्रारेड खंभे और स्मार्ट सेंसर

घुसपैठ और तस्करी को रोकने के लिए सुंदरवन में लगेंगे इंफ्रारेड खंभे और स्मार्ट सेंसर

पश्चिम बंगाल के सुंदरवन में बांग्लादेश के साथ लगती नदी के किनारे पर जल्द ही इंफ्रारेड खंभे और स्मार्ट सेंसर्स लगाए जाएंगे ताकि लगातार होने वाली घुसपैठों और तस्करी को रोका जा सकें।

बीएसएफ ने कहा कि इंफ्रा रेड खंभों और स्मार्ट सेंसर्स सीमा पार से अपराधों की बढ़ती समस्या का तकनीकी जवाब है।

बीएसएफ, दक्षिण बंगाल ने कहा कि इन उपकरणों को पहले ही तैनात कर दिया गया है और अगले तीन महीनों में मानसून खत्म हो जाने के बाद इन उपकरणों को चालू कर दिया जाएगा।

एक वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि यह परियोजना पहले सीमा पर तीन-चार किलोमीटर तक के क्षेत्र में शुरू की जाएगी।

अधिकारी ने कहा, ेयह परियोजना अगले तीन महीने में शुरू हो जाएगी क्योंकि हम मानसून के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद हम दिसंबर तक इन उपकरणों का अवलोकन करेंगे। अगर हर चीज सही रही तो नई प्रणाली जनवरी 2018 से स्थायी तौर पर शुरू हो जाएगी।े बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, प्रति किलोमीटर के लिए इंफ्रारेड खंभों को लगाने पर करीब 25-30 लाख रपये का खर्चा आएगा।

एक अन्य बीएसएफ अधिकारी ने कहा, ेहालांकि फंड हमेशा चिंता का विषय होता है लेकिन हम सीमा पर 3-4 किलोमीटर तक दायरे को बढ़ाएंगे जहां विपरीत परिस्थितियों वाला इलाका होने के कारण सही तरीके से बाड़बंदी नहीं की गई है।े 4,096 किलोमीटर वाली भारत-बांग्लादेश सीमा का 2,216.7 किमी. इलाका पश्चिम बंगाल में है जिसमें से 300 किमी. सुंदरवन में बांग्लादेश के साथ लगती तटीय सीमा है।

अधिकारी ने कहा, ेइंफ्रारेड खंभे और स्मार्ट सेंसरों को उपग्रह आधारित सिग्नल कमांड सिस्टम के जरिए निगरानी की जाएगी। इसमें रात में और कुहरे में भी नजर रखने वाले उपकरण होंगे। सेंसर के बजते ही सीमा सुरक्षा बल के जवानों को अलर्ट मिल जाएगा।े भारत-पाकिस्तान सीमा पर अर्द्धसैन्य बल फरहीन लेजर वॉल तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हें सीमा के बेहतर प्रबंधन से कई फायदे हुए हैं।

बीएसएफ के सूत्रों के अनुसार, इंफ्रारेड और स्मार्ट सेंसर लगाना भारत-बांग्लादेश सीमा पर कड़ी चौकसी बरतने की केंद्र की योजना का हिस्सा है। ऐसी खुफिया सूचना मिली थी कि आतंकवादी और राष्ट विरोधी तत्व बिना बाड़बंदी और तटीय सीमा का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ ने गत वर्ष जनवरी में पठानकोट आतंकवादी हमले के बाद से पश्चिमी सीमा पर लेजर वॉल लगाने के काम को तेज कर दिया है।

( Source – PTI )

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