
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज नोटबंदी को एक ‘‘ऐतिहासिक पल’’ जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे एक बिना सोचा समझा कदम बताया। नोटबंदी को एक वर्ष पूरे होने की पूर्व संध्या पर दोनों पार्टियों में वाकयुद्ध शुरू हो गया है। भाजपा इसे ‘‘कालाधन विरोधी’’ दिवस जबकि कांग्रेस इसे ‘‘काला दिवस’’ के तौर पर मनाने वाली है।
नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर ताजा हमला बोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि कदम एक ‘‘बड़ा घोटाला’’ था और काले धन को सफेद में बदलने के निहित स्वार्थों के लिए इसका ऐलान किया गया था।
सिंह और जेटली के बीच ताजा वाकयुद्ध तब शुरू हुआ जब सिंह ने कहा कि वह उसे दोहरा रहे हैं जो उन्होंने पहले कहा था कि नोटबंदी एक ‘‘संगठित लूट और कानूनी डाका था’’ वित्त मंत्री अरूण जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी एक नैतिक आर्थिक कवायद थी जिसने आर्थिक व्यवस्था को पारदर्शी, निष्पक्ष एवं ईमानदार बनाने की पहल की जबकि ‘लूट’ पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के समय में 2 जी, राष्ट्रमंडल खेल, कोयला ब्लाक आवंटन घोटालों के माध्यम से हुई ।
जेटली ने ब्लाग ‘ए इयर आफ्टर डीमॉनिटाइजेशन’ में लिखा है, ‘‘आठ नवम्बर 2016 को भारतीय अर्थव्यवस्था में एक ऐतिहासिक पल के तौर पर याद रखा जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि यह तिथि ‘‘इस सरकार की कालेधन की खतरनाक बीमारी को ठीक करने के संकल्प की प्रतीक है।’’ जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि नोटबंदी से औपचारिक अर्थव्यवस्था बढ़ी है, स्वच्छ अर्थव्यवस्था आयी है और कर आधार बढ़ा है।
( Source – PTI )