
छत्तीसगढ़ में सामाजिक बहिष्कार की घटनाओं को देखते हुए एक संस्था ने इस प्रथा को अपराध घोषित किए जाने और इसके खिलाफ कड़ा कानून बनाने की मांग को लेकर राज्यव्यापी अभियान शुरू कर दिया है।
शहर की अंधश्रृद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष दिनेश मिश्र ने बताया ,‘‘हमने ‘सामाजिक बहिष्कार निषेध कानून लागू करने और इस प्रथा के शिकार लोगों को न्याय दिलाना सुनिश्चित करने की मांग को लेकर राज्य के सभी 27 जिलों में धरना प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बनाई है । ’’ उन्होंने बताया ,‘‘हम अभी तक राजधानी रायपुर और बिलासपुर जिला मुख्यालयों में ऐसा कर चुके हैं जहां बहुत से लोग इसके शिकार हुए हैं या हो रहे हैं । ऐसे सभी लोगों ने इस धरना प्रदर्शन में शिरकत की।
रायपुर के रहने वाले नेत्र रोग विशेषज्ञ मिश्र पिछले दो दशक से अंधविश्वास और काला जादू जैसी इन सामाजिक बुराइयों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं । उन्होंने उस आंदोलन की भी शुरूआत की थी जिसकी परिणति जादू टोना उत्पीड़न :निषेध: कानून 2005 के तौर पर हुई । छत्तीसगढ़ सरकार ने सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्र में अभिनव प्रयास करने के लिए मिश्रा को पंडित रविशंकर शुक्ल सम्मान से भी विभूषित किया है। समिति के अध्यक्ष दिनेश मिश्रा ने बताया कि संगठन ने सामाजिक बहिष्कार के मामले में अपराध पंजीबध्द करने और इसके खिलाफ कानून बनाने की मांग की है। इसके लिए धरना प्रदर्शन भी किया गया है। मिश्रा ने बताया कि राज्य में सामाजिक और जातिगत स्तर पर सक्रिय पंचायतों द्वारा सामाजिक बहिष्कार के लगातार मामले आते रहते हैं। ग्रामीण अंचल में ऐसे मामले ज्यादा होते हैं। राज्य में ऐसे मामले आते हैं जिसमें जाति या समाज से बाहर विवाह करने, समाज के मुखिया का कहना न मामने, पंचायतों कें मनमाने फरमान और फैसलों को सिर झुकाकर पालन नहीं करने पर किसी व्यक्ति या उसके पूरे परिवार को समाज व जाति से बाहर कर दिया जाता है तथा समाज में उसका हुक्का पानी बंद कर दिया जाता है। समिति सामाजिक बहिष्कार के प्रभावितों को न्याय दिलाने और बहिष्कार के विरोध में प्रभावी कानून बनाने की मांग कर रही है।
( Source – पीटीआई-भाषा )
Triveni diwan
Mai or mere fmly bhut bade problem me hai samaj I min gonw k logo ne hum logo ko samaj se बहिष्कार kr diya है…
Rajesh Kumar Bhagat
Maine entercast marriage kiya hai. samaj ke log Mujhe aur mere pariwar ko bahut jyada Pareshan Kar rhe hai