नई दिल्लीः पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर की एक पूर्व महिला सहयोगी उनके बचाव में आईं हैं। संडे गार्डियन की संपादक जोइता बासु ने सोमवार को पटियाला हाउस अदालत में अकबर के पक्ष में बयान दर्ज कराए। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न के आरोपों के कारण अकबर की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति और नुकसान पहुंचा है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल से कहा कि रमानी ने अकबर की प्रतिष्ठा और साख को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जान-बूझकर सभी ट्वीट किए हैं। बासु ने अदालत से कहा उन्होंने 10 अक्तूबर 2018 और 13 अक्तूबर 2013 के प्रिया रमानी के ट्वीट देखे हैं। उन्हें कई संदेह हैं लेकिन वह जानती हैं कि लोगों के कई सवाल हैं, उन्हें व्यक्तिगत रूप से लगता है कि उनकी प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति और नुकसान पहुंचा है।

उन्होंने यह भी कहा कि रमानी के इन ट्वीट को पढ़ने के बाद उन्हें लगता है कि मानहानि की गई है और उनकी नजरों में अकबर की अच्छी प्रतिष्ठा और साख को नुकसान पहुंचाने की मंशा से रमानी द्वारा जान-बूझकर ट्वीट किए गए हैं। पत्रकार ने कहा कि उन्होंने 20 साल अकबर के साथ काम किया है और जिस संस्थान में उन्होंने काम किया उनके कर्मियों से कोई अप्रिय बात नहीं सुनी। वह सार्वजनिक हस्ती हैं, जिनकी अच्छी खासी प्रतिष्ठा है। बासु ने कहा, ‘उन्होंने मिस्टर अकबर को हमेशा बहुत सम्मान दिया है। वह हमारे साथ संबंधों में पूरी तरह से पेशेवर रहे हैं। वह हमेशा कठोर परिश्रम कराने वाले, पूरी तरह से पेशेवर और शानदार शिक्षक रहे हैं।’ उन्होंने अदालत को बताया कि वह अकबर को शानदार पत्रकार, एक विद्वान लेखक और भद्र व्यक्ति मानती हैं, जिनकी बेदाग प्रतिष्ठा है।

बासु ने कहा कि वह अकबर के खिलाफ रमानी के ट्वीट देखकर हैरान, निराश और शर्मिंदा हैं और अकबर के साथ उनके अनुभव के बावजूद, इन ट्वीट, लेख को पढ़कर उनकी आंखों में उनकी छवि, उनकी प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा है। पत्रकार बासु ने कहा कि मित्रों और सहयोगियों के साथ उनकी बातचीत के दौरान यह बात बढ़-चढ़ कर हुई। लोगों ने उनसे पूछा कि आपके एम.जे. अकबर के साथ काम किया है, क्या वह सच में ऐसें हैं जैसा की ट्वीट किया गया है। लोग अकबर के चरित्र पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इससे साफ है कि अकबर की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा है। उन्होंने यह भी कहा कि जहां तक उनकी बात है तो वह मानती है कि एम.जे. अकबर की छवि को स्थाई रूप से चोट पहुंची है। अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 07 दिसंबर की तारीख तय की।